Stock Market: Global Trade Policy Impact ने भारतीय शेयर बाजार को झकझोरा
Stock Market: मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाजार ने भारी गिरावट के साथ ट्रेडिंग की शुरुआत की। शुरुआती दबाव का प्रमुख कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह ताजा बयान था कि भारत से आने वाले rice imports पर 25 percent अतिरिक्त tariff लगाया जा सकता है। इस घोषणा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Market Sentiment को अचानक कमजोर कर दिया, जिसका सीधा असर भारतीय निवेशकों की धारणा पर पड़ा। इसी कारण निफ्टी 50 ने 25,867.10 के स्तर पर ओपनिंग की, जो 93.45 अंक की गिरावट थी, जबकि सेंसेक्स 84,742.87 पर खुलकर 359.82 अंकों का नुकसान दर्ज कर गया।

ट्रंप के बयान का भारतीय बाजार पर मनोवैज्ञानिक दबाव
अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों से उत्पन्न अनिश्चितता ने भारतीय मार्केट में बेचैनी बढ़ा दी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि Foreign Portfolio Investors द्वारा बढ़ाई गई net short positions ने बाजार में liquidity pressure को और तीव्र कर दिया है। ट्रंप ने यह भी कहा कि rice और कनाडाई fertilizer imports अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, इसलिए इन पर अतिरिक्त tariff लगाना उचित होगा। इस संभावना ने भारतीय एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए एक चुनौती खड़ी कर दी, जिससे बाजार का जोखिम स्तर बढ़ा और निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया।
Broad Market Indexes में एकसाथ कमजोरी
बाजार की गिरावट केवल benchmark indexes तक सीमित नहीं रही। Broad market भी भारी दबाव में रहा। Nifty 100 में 0.56 percent, Nifty Midcap में 0.81 percent और Nifty Smallcap में 0.84 percent की गिरावट देखने को मिली। सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो Nifty Media, Nifty Metal और Nifty IT में 1 percent से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। Auto, Pharma और PSU Bank segments भी लाल निशान में बंद हुए। इससे साफ है कि Selling Pressure पूरे बाजार में फैला रहा और किसी भी सेक्टर में स्थिरता नहीं दिखी।
वैश्विक संकेत कमजोर, एशियाई बाजार भी दबाव में
Global Cues भी भारतीय बाजार को सपोर्ट नहीं दे पाए। एशियाई बाजारों में केवल Japan Nikkei 225 ही हरे निशान में रहा, जबकि Hong Kong Hang Seng, Taiwan Weighted Index और South Korea KOSPI लगातार गिरावट में ट्रेड कर रहे थे। विदेशी बाजारों में यह कमजोरी भारतीय ट्रेडर्स को direction देने में असफल रही, जिससे uncertainty बढ़ गई।
फेडरल रिज़र्व की बैठक से पहले निवेशकों की सतर्कता
अमेरिकी Federal Reserve की आगामी policy meeting को लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तनाव बना हुआ था। इस बैठक के परिणाम का असर global liquidity conditions पर पड़ सकता है, इसलिए भारतीय निवेशक भी cautious approach अपना रहे थे। कई विश्लेषकों का मानना है कि Nifty 50 तब तक sideways-to-bullish zone में रहेगा, जब तक यह 25,850 के crucial support level के ऊपर ट्रेड करता है। Support level टूटने पर Selling Momentum और तेज हो सकता है।
आगे बाजार का संभावित रुख
Market Analysts का कहना है कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था की मूलभूत स्थिति मजबूत है। हालांकि, global trade tensions और tariff-related uncertainty निकट भविष्य में volatility बढ़ा सकती है। निवेशकों को अगले कुछ दिनों तक global news flow और फेड की नीति घोषणाओं पर करीबी नजर रखनी चाहिए।



