Global Networking for CA Firms: बंदिशें टूटी! अब खुलकर ‘एडवर्टाइज’ करेंगे CA, ICAI ने किया ऐतिहासिक संशोधन
Global Networking for CA Firms: भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्था (transparency) ने अपने वैश्विक नेटवर्किंग दिशा-निर्देश और विज्ञापन नियमों में ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी देकर एक बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में आईसीएआई अध्यक्ष सीए चरणजोत सिंह नंदा ने स्पष्ट किया कि ये बदलाव लंबे समय से आवश्यक थे और अब इनके लागू होने से भारतीय सीए फर्मों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी। नई पहल न केवल फर्मों की पहुंच का विस्तार करेगी, बल्कि घरेलू स्तर पर बड़े नेटवर्क विकसित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

नई गाइडलाइंस से खुले वैश्विक प्रतिस्पर्धा के द्वार
आईसीएआई ने हाल ही में ICAI Global Networking Guidelines 2025 और संशोधित Code of Ethics को मंजूरी दी है, जो भारतीय फर्मों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। इन बदलावों का उद्देश्य भारतीय फर्मों के लिए एक साफ-सुथरा और कानूनी ढांचा तैयार करना है, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और सहयोग को मजबूती से स्थापित कर सकें (global collaboration)। अब तक घरेलू फर्मों को वैश्विक स्तर पर नेटवर्क बनाने में कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन नए दिशा-निर्देश इस कठिनाई को दूर करेंगे।
केंद्रीय परिषद की बैठक में हुई अहम मंजूरी
10–11 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित केंद्रीय परिषद की बैठक में इन सभी प्रस्तावों को आधिकारिक स्वीकृति दी गई। यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रही क्योंकि इसमें भारतीय फर्मों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को बढ़ावा देने वाले कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल थे। नई गाइडलाइंस के माध्यम से फर्मों को विदेशी संस्थाओं के साथ औपचारिक रूप से जुड़ने का कानूनी अधिकार मिलेगा, जिससे एक मजबूत और विश्वसनीय नेटवर्क खड़ा किया जा सकेगा (international partnership)।
भारतीय फर्मों के लिए बनेगा पारदर्शी ग्लोबल ढांचा
आईसीएआई की नई नीतियों के तहत भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म अब विदेशी संस्थानों के साथ औपचारिक नेटवर्किंग, संबद्धता और साझेदारी स्थापित कर सकेंगी। इससे न केवल बड़ी फर्मों को लाभ मिलेगा, बल्कि छोटे और मध्यम (SMEs) फर्म भी वैश्विक प्लेटफॉर्म पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करा सकेंगी। यह बदलाव भारत की अकाउंटिंग इंडस्ट्री को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है (professional growth)।
विज्ञापन नियमों में मिली ऐतिहासिक ढील
आईसीएआई ने विज्ञापन और वेबसाइट से जुड़े प्रावधानों को भी अपडेट किया है। आधुनिक जरूरतों के मुताबिक फर्मों को अब सीमित रूप से विज्ञापन देने, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुति साझा करने और अपनी वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है (digital promotion)। इससे भारत की सीए इंडस्ट्री तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त होगी तथा फर्में अपने ब्रांड को बेहतर तरीके से प्रमोट कर पाएंगी।
आधुनिक समय की जरूरतों के अनुरूप नया Code of Ethics
संशोधित आचार संहिता 1 अप्रैल 2026 से लागू होगी। इस नए कोड में फर्मों की पारदर्शिता, ऑनलाइन उपस्थिति, डिजिटल व्यवहार और क्लाइंट कम्युनिकेशन को आधुनिक जरूरतों के हिसाब से परखकर नियम तैयार किए गए हैं (ethical standards)। इन प्रावधानों का उद्देश्य पेशे को विश्वसनीय, सुरक्षित और समय के अनुरूप बनाए रखना है।
यूडिन प्रणाली से लाखों करोड़ का फर्जीवाड़ा रुका
आईसीएआई अध्यक्ष नंदा ने बताया कि यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (UDIN) प्रणाली की वजह से लगभग 70,000 से 80,000 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में सफलता मिली है। यह प्रणाली 2019 में शुरू की गई थी और हर उस दस्तावेज़ के लिए अनिवार्य है जिसे किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित किया जाता है (document verification)। इससे न केवल फर्जी दस्तावेज़ों पर रोक लगी है, बल्कि वित्तीय पारदर्शिता को भी अभूतपूर्व मजबूती मिली है।
UDIN कैसे बना वित्तीय सुरक्षा की ढाल
यूडिन प्रणाली ने धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम करने के साथ-साथ प्रमाणित दस्तावेज़ों की विश्वसनीयता भी बढ़ाई है। कई मामलों में देखा गया कि असली सीए की पहचान का दुरुपयोग कर फर्जी सर्टिफिकेट्स बनाकर वित्तीय लाभ उठाने की कोशिश की जाती थी। लेकिन यूडिन के अनिवार्य होने से प्रत्येक दस्तावेज़ की मौलिकता तुरंत जांची जा सकती है (fraud prevention)। इससे सरकार, बैंकिंग सेक्टर और कॉर्पोरेट जगत को भारी राहत मिली है।
कैसे बदलेगी भारत की अकाउंटिंग इंडस्ट्री की तस्वीर
ICAI के ये सुधार भारत की अकाउंटिंग इंडस्ट्री को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देंगे। विदेशी फर्मों के साथ सहयोग बढ़ने से भारतीय सीए प्रैक्टिस को उभरते ग्लोबल मार्केट में अपनी विशेषज्ञता दिखाने का अवसर मिलेगा। वहीं डिजिटल और विज्ञापन संबंधी नई स्वतंत्रता फर्मों को अपने कार्यों को व्यापक रूप से प्रस्तुत करने का मौका देगी (market expansion)। यह परिवर्तन भारत को वैश्विक अकाउंटिंग हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
उद्योग और युवाओं के लिए नई संभावनाएँ
ये नई नीतियाँ युवा सीए प्रोफेशनल्स के लिए भी अवसरों के नए द्वार खोलेंगी। ग्लोबल नेटवर्क्स में शामिल होकर वे अंतरराष्ट्रीय फर्मों के साथ काम कर सकेंगे, नई तकनीकों और प्रक्रियाओं का अनुभव प्राप्त करेंगे और अपने करियर को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ा पाएंगे (career growth)। यह बदलाव देश के आर्थिक तंत्र में पेशेवर योगदान को भी मजबूत करेगा।



