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1100 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी 400 अंक टूटा, दबाव में आए ऑपरेटर्स

स्मॉल और मिड कैप शेयरों में बिकवाली रुकने का नाम ही नहीं ले रही है इन शेयरों के इर्द-गिर्द सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है इससे इनमें से अधिकांश लाल निशान में बने हुए हैं मिड और स्मॉल कैप शेयरों में बिकवाली से बुधवार दोपहर सेंसेक्स ने 1000 अंक का गोता लगा लिया वहीं, निफ्टी 370 अंक से अधिक टूट गया है बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स 4.85 प्रतिशत डाउन दिखी निफ्टी नेक्स्ट-50 3.72 प्रतिशत और निफ्टी मिडकैप सेलेक्ट 2.91 प्रतिशत नीचे आ गया बीएसई स्मॉल कैप इंडेक्स 19 फरवरी से लगातार गिर रही है इस इंडेक्स के 80 प्रतिशत से अधिक शेयरों ने 19 फरवरी के बाद से निगेटिव रिटर्न दिया है वहीं, इस अवधि में निफ्टी करीब 1 प्रतिशत चढ़ गया

स्मॉल कैप सेगमेंट में इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं एक्सपर्ट्स का बोलना है कि इस सेगमेंट में काफी अधिक ऑपरेटर एक्टिविटीज के कारण फंडामेंटल रूप से कमजोर कंपनियों के शेयरों बड़ा उछाल आ रहा था अब ये ऑपरेटर्स दबाव में आ गए हैं क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में शेयर ऑपरेट करने वाले दुबई बेस्ड हवाला ऑपरेटर हरी शंकर तिब्रेवाल सहित 13 दूसरे संस्थानों पर छापा मारा है

सेबी की एडवाइजरी बड़ी वजह

डीआरएस फिनवेस्ट के फाउंडर डॉ रवि सिंह ने कहा कि छोटे शेयरों में गिरावट की दूसरी सबसे बड़ी वजह सेबी की एडवाइजरी है इसमें म्यूचुअल फंड्स को स्मॉल कैप और मिड कैप स्कीम्स में तेजी से बढ़ते वैल्यूएशन को लेकर चिंताओं के बीच निवेशकों के हितों की रक्षा करने को बोला गया है हालांकि, सेबी ने अब तक केवल म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो की लिक्विडिटी से जुड़े एडिशनल डिस्क्लोजर ही मांगे हैं सेबी ने इनफ्लो को रोकने या हिस्सेदारी बेचने के आदेश जैसे एक्शन नहीं लिये हैं

नियामकीय जांच के डर से बिकवाली

अब इस बात को लेकर डर बढ़ गया है कि फंड मैनेजर्स कम लिक्विड शेयरों में हिस्सेदारी बेचेंगे, क्योंकि लिक्विडिटी अब अहमियत बन गई है और पोर्टफोलियो पर नियामकीय जांच बढ़ रही है डॉ रवि ने कहा कि बिकवाली अभी कुछ दिन और चल सकती हैं, क्योंकि म्यूचुअल फंड किसी भी नियामकीय जांच से बचना चाहते हैं कुछ फंड मैनेजर्स ने सेबी के इस एक्शन को स्वागत योग्य कहा है उनका बोलना है कि कई ऐसे खराब शेयर तेजी से बढ़ रहे थे, जो बाजार के लिए अच्छे नहीं थे वहीं, कुछ फंड मैनेजर्स का बोलना है कि इस सेक्टर में वैल्यूएशन काफी अधिक ऊपर चली गई थी

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