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रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनक्लेम्ड शेयरों को सरकारी फंड में किया जाएगा ट्रांसफर

अगर आपके पास मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर हैं तो ये समाचार आपके लिए है. दरअसल, राष्ट्र की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनक्लेम्ड शेयरों को सरकारी फंड में ट्रांसफर किया जाएगा. ये उस तरह के शेयर हैं जिन्हें निवेशकों ने डिविडेंड क्लेम नहीं किया. ऐसे में यदि आपके पास रिलायंस के शेयर हैं तो अपने डिविडेंड क्लेम की डिटेल जान लें क्योंकि लगातार 7 वर्ष या उससे अधिक समय तक डिविडेंड क्लेम नहीं किए गए शेयरों को सरकारी फंड में ट्रांसफर करने का प्लान है. कंपनी ने एक नोटिस जारी कर कहा कि इस तरह के शेयरों को इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड (IEPF) अथॉरिटी में ट्रांसफर किया जाएगा. बता दें कि IEPF मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के अनुसार आता है.

कंपनी ने क्या कहा?

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने साफ कर दिया है कि यदि 26 अगस्त, 2024 तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो कंपनी इन शेयरों को डीमैटरियलाइज करने और आईईपीएफ प्राधिकरण को ट्रांसफर्ड करने को लेकर आगे बढ़ेगी. नोटिस में बोला गया है, “यदि कंपनी को 26 अगस्त, 2024 को या उससे पहले संबंधित शेयरधारकों से कोई संचार (दावा न किए गए / बिना भुनाए डिविडेंड का दावा) प्राप्त नहीं होता है, तो कंपनी नियमों के मुताबिक कॉर्पोरेट कार्रवाई के माध्यम से शेयरों को डीमैटरियलाइज़ करें और आईईपीएफ प्राधिकरण को ट्रांसफर्ड करें.

रिलायंस ने नॉर्वे में की डील

इधर, इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की नॉर्वे की नेल एएसए के साथ प्रौद्योगिकी साझेदारी हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के साथ-साथ नवीन ऊर्जा क्षेत्र में उसके निवेश में तेजी लाने में सहायता करेगी. इससे अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी को हरित ऊर्जा क्षेत्र की ओर बढ़ने में सहायता मिलेगी. आरआईएल ने 21 मई को एक प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौता किया है. यह समझौता कंपनी को हिंदुस्तान में नेल के अल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइज़र के लिए एक विशेष लाइसेंस प्रदान करता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निजी उद्देश्यों के लिए नॉर्वे की कंपनी के अल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइज़र का निर्माण करने की भी अनुमति देता है. बता दें कि रिलायंस इंडस्ड्रीज के शेयर बीते शुक्रवार को 2,959 रुपये पर बंद हुए थे.

 

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