सरकार ने महंगाई पर पर कड़ा प्रहार करते हुए लिया ये बड़ा फैसला
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अब इतना ही स्टॉक कर पाएंगे गेहूं
नई स्टॉक लिमिट के हिसाब से अब थोक व्यापारी 3000 टन और खुदरा व्यापारी अधिकतम 10 टन गेहूं का ही स्टॉक रख सकेगा. गवर्नमेंट को गेंहू की जमाखोरी होने की संभावना थी, इसलिए इस लिमिट को लगाया गया है. वहीं व्यापारियों को 30 दिन के अंदर नयी लिमिट के हिसाब से अपना स्टॉक मेंटेन करना होगा.केंद्र गवर्नमेंट ने गेहूं पर जो स्टॉक लिमिट लगाई है वह 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी. गेहूं की बढ़ती कीमतों से चिंतित गवर्नमेंट ने महंगाई को नियंत्रण में लाने के लिए ये स्टॉक लिमिट लगाई है. गेहूं की कीमतें कम करने के लिए गवर्नमेंट ने सभी विकल्प खुले रखे हैं. पिछले 1 वर्ष में गेहूं की कीमतों में करीब 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी कई है.
आयात भी हो सकता है सस्ता
संभावना है कि गेहूं की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए गवर्नमेंट गेहूं पर आयात ड्यूटी में भी कटौती कर दे. अभी राष्ट्र में गेहूं के इंपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगती है. गवर्नमेंट के इस निर्णय पर केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बोला कि सिंगल रिटेलर से लेकर बड़ी रिटेल चेन चलाने वाले कारोबारी, मिल मालिक, प्रोसेसर और थोक विक्रेताओं को अपने गेहूं स्टॉक का खुलासा करना होगा.संजीव चोपड़ा ने बोला कि वह राष्ट्र में गेहूं की कमी को दूर करना चाहते है. अभी गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. गवर्नमेंट चाहती है कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें.देश में 1 अप्रैल 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि 1 अप्रैल 2024 को यह 75 लाख टन था. पिछले वर्ष 266 लाख टन की खरीद की गई थी, जबकि इस वर्ष गवर्नमेंट ने 262 लाख टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है. इसलिए (शुरुआती स्टॉक में) गेहूं की कमी केवल तीन लाख टन की है.