बिज़नस

जानें, क्या होते हैं ब्लू चिप स्टॉक्स और क्या हैं इनकी खूबियां

ब्लू-चिप स्टॉक शेयर बाजार से जुड़ा एक टर्म है. ब्लू-चिप कंपनियों द्वारा जारी किए गए स्टॉक, यानी बड़े बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों को ब्लू-चिप स्टॉक बोला जाता है. ये शेयर जारी करने वाली कंपनियां अच्छी तरह से स्थापित हैं और बाजार में उनकी बहुत प्रतिष्ठा है. यही वजह है कि उनके द्वारा जारी किए गए शेयर बाजार में अत्यधिक मूल्यवान होते हैं. ब्लू-चिप स्टॉक जारी करने वाली कंपनियां का फाइनेंशियल रिकॉर्ड और क्रेडिबिलिटी स्थिर होती है. ऐसी कंपनियां सुन्दर लाभांश (डिविडेंड) पेमेंट करती हैं, जिसे उस स्टॉक की बढ़ती लोकप्रियता का श्रेय दिया जा सकता है. निवेशक हिंदुस्तान में ब्लू-चिप स्टॉक में सीधे या म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश कर सकते हैं.

ब्लू-चिप स्टॉक की खूबियां

सुनिश्चित रिटर्न: ब्लू-चिप स्टॉक लाभांश के रूप में तिमाही रिटर्न देते हैं. अच्छी तरह से स्थापित कंपनियां अधिकतर निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश रूट के रूप में भी काम करती हैं. इस सुरक्षा के साथ स्थिर लेकिन गारंटीकृत रिटर्न अर्जित करने का आश्वासन भी मिलता है.

क्रेडिट-योग्यता: ब्लू-चिप कंपनियों के पास अपने वित्तीय बकाया और दायित्वों को सरलता से चुकाने के लिए पर्याप्त पूंजी होती है. यह बदले में, ऐसी कंपनियों द्वारा जारी किए गए शेयरों को उच्च क्रेडिट योग्यता बनाता है.

रिस्क फैक्टर: स्थिर वित्तीय प्रदर्शन वाली बड़ी कंपनियां ब्लू चिप स्टॉक जारी करती हैं. ऐसे में ब्लू-चिप स्टॉक्स से जुड़े रिस्क फैक्टर तुलनात्मक रूप से कम हैं. Groww के मुताबिक, निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाकर ब्लू-चिप शेयरों से जुड़े जोखिम के बोझ को और कम कर सकते हैं.

निवेश क्षितिज: निवेश की अवधि आमतौर पर 7 वर्ष से अधिक होती है. इस तरह की एक्सटेंडेड पीरियड ब्लू-चिप स्टॉक्स को उनके लंबे निवेश क्षितिज के चलते लंबे समय के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लायक बनाती है.

विकास की संभावना: ब्लू-चिप कंपनियां वे बड़ी कंपनियां हैं जो अपनी अधिकतम डेवलपमेंट कैपिसिटी तक जा चुकी हैं. इसका असर हिंदुस्तान में ब्लू-चिप स्टॉक्स पर पड़ता है, जो समय के साथ धीमी लेकिन स्थिर वृद्धि से गुजरते हैं.

टैक्स भी देना होता है: ब्लू-चिप स्टॉक्स के जरिये अर्जित फायदा को इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के अनुसार आय के रूप में माना जाता है. अल्पकालिक पूंजीगत फायदा 15% की रेट से टैक्सेशन के दायरे  में हैं. हालांकि, 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत फायदा पर 10% की रेट से टैक्स देना होता है.

ब्लू चिप स्टॉक में निवेश करने का ठीक तरीका

निवेश करने के लिए ब्लू चिप स्टॉक ढूंढना सरल है. इसके लिए सीधे इक्विटी का रास्ता अपनाएं. आप ब्रोकर और वित्तीय सलाहकार से मुनासिब राय लेकर सबसे बेहतरीन ब्लू चिप स्टॉक का पोर्टफोलियो बना सकते हैं. यह एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है क्योंकि आपको हर स्टॉक की पहचान करनी होगी और फिर उन्हें अपने पोर्टफोलियो में जोड़ना होगा. यहां आपको सीधे भागीदारी का फायदा मिलता है.

आप एक बड़े पैमाने पर कैप इक्विटी फंड या ब्लू चिप इक्विटी फंड भी खरीद सकते हैं, जो आपको अप्रत्यक्ष रूप से ब्लू चिप पोर्टफोलियो में भागीदारी देता है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक,ह ब्लू चिप स्टॉक में भाग लेने का एक लोकप्रिय तरीका है जिसमें फंड मैनेजर द्वारा पैसे के पेशेवर प्रबंधन और विविधता के अतिरिक्त फायदा हैं. साथ ही ब्लू चिप स्टॉक का पोर्टफोलियो बनाने का तरीका निफ्टी या सेंसेक्स पर इंडेक्स फंड या इंडेक्स ईटीएफ खरीदना और निष्क्रिय मार्ग अपनाना भी है.  ब्लू चिप स्टॉक में निवेश करना विज्ञान से ज़्यादा एक कला है, लेकिन इक्विटी फंड और इंडेक्स ईटीएफ जैसे आसान ढंग भी हैं.

Related Articles

Back to top button