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आरबीआई ने बैंकों को साइबर हमलों को लेकर दी ये चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संभावित साइबर हमलों की घोषणा के बाद पूरे हिंदुस्तान में बैंक हाई अलर्ट पर हैं. इस हाई अलर्ट के जरिए बैंकों को स्विफ्ट, कार्ड नेटवर्क, आरटीजीएस, एनईएफटी और यूपीआई जैसी अपनी प्रणालियों पर लगातार नजर रखने को बोला गया है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्तीय संस्थानों को जारी परामर्श में बोला गया है, “संभावित साइबर हमलों के संबंध में प्राप्त विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के मद्देनजर, विनियमित संस्थाओं को राय दी जाती है कि वे इन खतरों से बचाव के लिए नज़र और तन्यकता क्षमताओं को उन्नत करें.

जानें क्यों चिंतित है आरबीआई?

इकोनॉमिक टाइम्स ने लिखा है कि यह घटना लुल्ज़सेक नामक समूह के कुछ दिनों पहले घटित हुई है, जो कथित तौर पर भारतीय बैंकों को निशाना बनाकर किए गए कई हाई-प्रोफाइल हमलों से जुड़ा समूह है, तथा कुछ समय तक निष्क्रिय रहने के बाद फिर से एक्टिव हो गया है. आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 सालों में वित्तीय क्षेत्र पर 20,000 से अधिक साइबर हमले हुए, जिसके परिणामस्वरूप 20 बिलियन $ का हानि हुआ.

 

साइबर हमले कैसे होते हैं? 

डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इण्डिया की दिसंबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में ऐसे 25% हमले ईमेल और वेबसाइटों में दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करने से होते हैं. बिजनेस लाइन ने आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा है कि वित्तीय संस्थानों पर साइबर हमलों के 69 फीसदी मुद्दे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) द्वारा, 19 फीसदी शहरी सहकारी बैंकों द्वारा और 12 फीसदी गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा रिपोर्ट किए गए.

बैंकों ने अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए क्या किया है?

इसके कारण, बैंकों ने 2023-24 में अपने बीमा कवर को पिछले साल की तुलना में लगभग 8% बढ़ा दिया है, बिजनेस स्टैंडर्ड ने बीमा दलालों का हवाला देते हुए लिखा है, और बोला कि बैंकों द्वारा साइबर बीमा दावे वित्तीय साल 2022-23 के दौरान 50% से अधिक हो गए हैं, जबकि पिछले साल के दौरान यह 40% था.

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