बिहार

समस्तीपुर में हजारों छात्र-छात्राएं जूझ रहे स्नातक की पढ़ाई के लिए

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में कुल 20 प्रखंड हैं इनमें से 11 प्रखंड आज भी ऐसे हैं जहां एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है यह हाल तब है जब शिक्षा को लेकर गवर्नमेंट लगातार योजनाएं चला रही है जमीनी हकीकत इससे अलग है जमीन पर यह हाल है कि हजारों छात्र-छात्राएं आज भी स्नातक की पढ़ाई के लिए जूझ रहे हैं खासकर लड़कियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के समस्तीपुर जिले में फिलहाल 12 डिग्री कॉलेज हैं ये कॉलेज केवल नौ प्रखंडों तक सीमित हैं बाकी 11 प्रखंड अब भी डिग्री कॉलेज से वंचित हैंDownload 11zon 2025 05 01t173437. 270

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इन 11 प्रखंडों सिंघिया, बिथान, वारिसनगर, शिवाजीनगर, हसनपुर, खानपुर, कल्याणपुर, उजियारपुर, विद्यापतिनगर, मोरवा और सरायरंजन में अब भी डिग्री कॉलेज नही हैं ग्रामीण इलाकों की लड़कियां गांव के विद्यालयों से इंटर तक की पढ़ाई तो कर लेती हैं लेकिन, डिग्री कॉलेज न होने के कारण लगभग 20-25 फीसदी छात्राएं आगे की पढ़ाई छोड़ने को विवश हो जाती हैं

जिले में है एक स्त्री डिग्री कॉलेज
जिले का एकमात्र स्त्री डिग्री कॉलेज जिला मुख्यालय में स्थित है वहां तक पहुंचने के लिए अधिकांश छात्राओं को रोजाना 25 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है इससे रोज का किराया औसतन 200 रुपये आता है रोज का इतना खर्च उठा पाना हर परिवार के लिए संभव नहीं है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री अनुपम कुमार झा बताते हैं कि कॉलेज तक पहुंचने के लिए छात्राओं को वाहन बदलना पड़ता है इससे उनकी सुरक्षा को लेकर भी परिजन चिंतित रहते हैं छात्रावास की कमी और परिवहन प्रबंध की परेशानी लड़कियों की आगे की पढ़ाई के लिए बड़ी बाधा है हालांकि, हाल ही में स्त्री कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की अनुमति मिली है लेकिन, जब तक प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज नहीं खुलते तब तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समस्तीपुर की तस्वीर नहीं बदलेगी

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स
डिग्री कॉलेज की कमी को लेकर विद्यार्थियों में गहरी नाराजगी और पीड़ा है विद्यापतिनगर की रहने वाली दीपांशी कहती हैं कि हमारे प्रखंड में डिग्री कॉलेज नहीं है इंटर के बाद बहुत सी लड़कियां आगे की पढ़ाई छोड़ देती हैं यदि हमें ग्रेजुएशन करना है तो 30 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है रोज़ का यात्रा बहुत कठिन होता है यदि विद्यापति में ही कॉलेज हो जाए तो हम भी अच्छे से पढ़ाई कर पाएंगे लोकल 18 ने उनसे पूछा कि डिग्री कॉलेज की कमी से कितने स्टूडेंट्स प्रभावित होते हैं तो उन्होंने साफ बोला कि लगभग 50% लड़के-लड़कियां ऐसे होंगे जो केवल दूरी और साधनों की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देते हैं

एक अन्य छात्रा प्रतिभा कुमारी ने कहा कि हमें ग्रेजुएशन के लिए या तो पटोरी या दल सिंह सराय जाना पड़ता है यदि ये संभव न हो तो पढ़ाई छोड़ने के अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचता यही कारण है कि हमारे क्षेत्र की ज्यादातर लड़कियां इंटर के बाद आगे नहीं पढ़ पाती हैं मोरवा प्रखंड के रहने वाले संजीव कहते हैं कि मोरवा एक बड़ा क्षेत्र है लेकिन यहां एक भी डिग्री कॉलेज नही है हमें दूर जाना पड़ता है हम तो लड़के हैं किसी तरह मैनेज कर लेते हैं लेकिन, लड़कियों के लिए यह बहुत कठिन और चिंता की बात है

 

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