Sanjay Sarawagi Bihar BJP President: संजय सरावगी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही दरभंगा में गूंजा जयकारा, क्या बदलेगी बिहार भाजपा की किस्मत
Sanjay Sarawagi Bihar BJP President: बिहार भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद सबसे पहले अपनी जड़ों की ओर रुख किया। सत्ता के गलियारों में हलचल तेज होने के बावजूद वे पार्टी कार्यालय या अपने निवास स्थान पर जाने के बजाय सीधे अपने पैतृक जिले दरभंगा पहुंचे। वहां उन्होंने मिथिलांचल की कुलदेवी और प्रसिद्ध श्यामा माई मंदिर में मत्था टेककर अपनी नई पारी के लिए मां का आशीर्वाद लिया। इस दौरान (Spiritual Leadership Journey) का एक अनूठा उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर जो भरोसा जताया है, वह उसे हर हाल में पूरा करेंगे।

पद की घोषणा और सीधे मां के दरबार में हाजिरी
संजय सरावगी ने मंदिर परिसर में मीडिया से बात करते हुए एक भावुक खुलासा किया। उन्होंने बताया कि जैसे ही उनके नाम की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में औपचारिक घोषणा हुई, उनके मन में केवल एक ही विचार आया कि वे सबसे पहले मां श्यामा माई के चरणों में वंदना करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि (Political Motivation and Ethics) उन्हें इसी शक्तिपीठ से प्राप्त होती है। सरावगी के अनुसार, यह मां का ही आशीर्वाद और जनता का अटूट प्रेम है कि उन्हें लगातार छठी बार जनप्रतिनिधि के रूप में सेवा करने का गौरव हासिल हुआ है, और अब संगठन की कमान संभालना उनके लिए सेवा का एक नया अवसर है।
एनडीए के बीच बेहतर तालमेल और मोदी का विजन
संजय सरावगी ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को बिहार के धरातल पर उतारना सबसे महत्वपूर्ण कार्य होगा। उन्होंने गठबंधन धर्म की मर्यादा को दोहराते हुए कहा कि (Alliance Coordination Strategy) के तहत एनडीए के सभी घटक दलों के साथ एक मजबूत और पारदर्शी समन्वय स्थापित किया जाएगा। विधानसभा चुनाव की प्रचंड जीत के बाद संगठन को बूथ स्तर तक ले जाना और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार करना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है, ताकि भाजपा राज्य में और अधिक सशक्त होकर उभरे।
छोटे कार्यकर्ता का बड़ा सम्मान और नितिन नवीन की बधाई
इस ऐतिहासिक अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन ने भी संजय सरावगी को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी। नितिन नवीन ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की ही विशेषता है कि यहां वंशवाद के बजाय (Merit Based Promotion) को महत्व दिया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरावगी जी जैसे एक छोटे से कार्यकर्ता को उनकी मेहनत, अटूट परिश्रम और संगठन के प्रति समर्पण के कारण आज इतना बड़ा दायित्व मिला है। यह संदेश पूरे बिहार के कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणादायक है कि पार्टी में हर निष्ठावान व्यक्ति के लिए सम्मान के द्वार खुले हैं।
मंदिर परिसर में दिवाली जैसा माहौल और कार्यकर्ताओं का जोश
जैसे ही संजय सरावगी के नाम पर मुहर लगी, दरभंगा का श्यामा माई मंदिर परिसर खुशियों से सराबोर हो गया। हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर जश्न मनाया। (Political Celebration in Bihar) का यह नजारा वाकई देखने लायक था, जहां हर कार्यकर्ता अपने स्थानीय नेता को प्रदेश की कमान मिलने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा था। सरावगी ने स्वयं इस पल की तस्वीरें और भावनाएं सोशल मीडिया के जरिए साझा कीं, जो देखते ही देखते इंटरनेट पर वायरल हो गईं।
ऐतिहासिक श्यामा माई मंदिर का गौरवशाली इतिहास
जिस मंदिर में संजय सरावगी ने आशीर्वाद लिया, उसका इतिहास अत्यंत रोचक और श्रद्धा से भरा है। दरभंगा का श्यामा माई मंदिर दरभंगा महाराज रामेश्वर सिंह की चिता स्थल पर बना है, जो इसे देश के अन्य मंदिरों से अलग बनाता है। यहां (Historical Religious Monuments) के रूप में राज परिवार के कई सदस्यों की चिताएं मौजूद हैं, जिन पर भव्य मंदिर निर्मित हैं। गौरतलब है कि 1988 के विनाशकारी भूकंप में भी इस पवित्र मंदिर को खरोंच तक नहीं आई थी, जिसे मां का साक्षात चमत्कार माना जाता है। इस मंदिर के संरक्षण और यहां आयोजित होने वाले वार्षिक नवाहन यज्ञ में संजय सरावगी का दशकों से सक्रिय योगदान रहा है।
भविष्य की चुनौतियां और सरावगी का दृढ़ संकल्प
प्रदेश अध्यक्ष का पद कांटों भरा ताज माना जाता है, खासकर बिहार जैसे राजनीतिक रूप से सक्रिय राज्य में। संजय सरावगी के सामने न केवल संगठन को एकजुट रखने की चुनौती है, बल्कि आगामी चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को और बेहतर करने का भार भी है। उन्होंने (Organizational Management Goals) को ध्यान में रखते हुए कहा कि वे हर जिले का दौरा करेंगे और जमीनी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करेंगे। मां श्यामा माई के आंगन से शुरू हुआ यह सफर अब बिहार की राजनीति में क्या नए बदलाव लाता है, इस पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं।



