बिहार

Patna Police Encounter: जानीपुर में हुआ खूंखार राकेश और पुलिस का आमना-सामना, पैर में लगी गोली

Patna Police Encounter: पटना में एक बार फिर पुलिस की सख्ती देखने को मिली, जहां जानीपुर थाना क्षेत्र के बग्घा टोला में बुधवार देर रात पुलिस और अपराधियों के बीच मुठभेड़ हो गई (crime-control)। इस मुठभेड़ में कुख्यात राकेश कुमार घायल हो गया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगने के बाद उसे मौके पर ही पकड़ लिया गया और इलाज के लिए पटना एम्स भेजा गया। उसका एक साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला, जिसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

Patna Police Encounter
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घटना स्थल पर पहुंचे एसएसपी, टीम ने जुटाए सबूत

मुठभेड़ की खबर मिलते ही गुरुवार सुबह एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा मौके पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली (law-enforcement)। इसके साथ ही एसएफएल की टीम को बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से बरामद हथियारों और मिले साक्ष्यों की जांच की। पुलिस ने मौके से देसी कट्टा और कई कारतूस जब्त किए हैं, जो राकेश और उसके साथी की आपराधिक मंशा को साफ दर्शाते हैं।


गुप्त सूचना ने रोकी बड़ी वारदात की साजिश

सूत्रों के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि पिपरा थाना क्षेत्र के सहबाजपुर गांव का निवासी और शातिर अपराधी राकेश कुमार अपने एक साथी के साथ किसी बड़ी वारदात की योजना बनाने बग्घा टोला पहुंचा है (intel-input)। राकेश कुछ दिनों पहले एक बैंककर्मी से रंगदारी मांगने के मामले में भी चर्चा में आया था, जिसके बाद से वह पुलिस की नजर में था।


इलाके की घेराबंदी करते ही शुरू हुई फायरिंग

गुप्त सूचना मिलते ही एएसएसपी के नेतृत्व में जानीपुर पुलिस की टीम ने पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया (tactical-operation)। खुद को घिरा देख राकेश ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई के दौरान पुलिस की गोली उसके पैर में लगी, जिससे वह गिर पड़ा। मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे तुरंत दबोच लिया और हिरासत में ले लिया।


कई जिलों तक फैला राकेश का आपराधिक नेटवर्क

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, राकेश कुमार पर लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं (criminal-record)। उसका नेटवर्क पिपरा, बिक्रमगंज और आस-पास के इलाकों में फैला हुआ बताया जाता है। पुलिस कई दिनों से उसकी तलाश में थी, और इस मुठभेड़ के बाद उसकी गिरफ्तारी ने एक बड़ी राहत दी है। हालांकि उसका दूसरा साथी अब भी फरार है।


फरार साथी की तलाश में लगातार छापेमारी

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरार आरोपी भी कई मामलों में वांछित है और उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों को लगाया गया है (manhunt)। पुलिस को विश्वास है कि वह जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आसपास के गांवों और संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी जारी है।


2025 में पटना पुलिस की सख्ती का बढ़ा ग्राफ

साल 2025 में बिहार पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ काफी सख्त रुख अपनाया है (policing-trend)। पटना जिले में पिछले छह महीनों में आधा दर्जन से अधिक मुठभेड़ हुए हैं, जिनमें अधिकतर अपराधियों को पैरों में गोली मारकर पकड़ा गया। यह पुलिस की “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा माना जा रहा है।


कंकड़बाग का ऑपरेशन—वर्ष की शुरुआत का बड़ा एक्शन

फरवरी 2025 में कंकड़बाग में एसटीएफ और पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया था (joint-operation)। इस दौरान दो अपराधी घायल हुए और गिरफ्तार कर लिए गए। यह ऑपरेशन काफी तलाशी और तकनीकी इनपुट के बाद सफल हुआ और इसने शहर में अपराध के खिलाफ एक बड़ा संदेश दिया।


चंदन मिश्रा हत्याकांड—जुलाई में बड़ा खुलासा

जुलाई 2025 में पटना के चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल दो आरोपी बलवंत कुमार सिंह और रवि रंजन कुमार सिंह पुलिस एनकाउंटर में घायल हुए और पकड़े गए (high-profile-case)। इस घटना ने फिर से दिखा दिया कि पुलिस बड़े मामलों में विशेष सक्रियता दिखा रही है।


समस्तीपुर और पटना के कई मामलों में कार्रवाई

इसी महीने समस्तीपुर में सुमित उर्फ गुड्डू की हत्या का मामला सुर्खियों में रहा, जो जमानत पर बाहर था (criminal-activity)। वहीं पटना में गोपाल खेमका हत्याकांड के आरोपी विकास उर्फ राजा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया, जिसे लेकर पूरे राज्य में चर्चा बनी रही।


जानीपुर की घटना—पुलिस की आक्रामक नीति का फिर प्रमाण

जानीपुर मुठभेड़ यह साबित करती है कि पटना पुलिस अपराधियों को किसी भी कीमत पर ढील देने के मूड में नहीं है (law-and-order)। बढ़ते अपराध पर सख्त कार्रवाई और लगातार एनकाउंटर की घटनाओं ने अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाइयां और तेज होंगी।


सख्त कार्रवाई से जनता में बढ़ा भरोसा

लगातार हो रही सख्त कार्रवाई के बाद शहरवासियों में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ा है (public-trust)। लोग मानते हैं कि सक्रिय गश्त, तकनीकी निगरानी और एनकाउंटर नीति से शहर में सुरक्षा का माहौल मजबूत हुआ है।

 

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