Keshav Maurya: न तो वह अवध में भाजपा को हरा पाए, न ही मगध में हरा पाएंगे…
Keshav Maurya: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बिहार में भाजपा की हार के दावे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उपमुख्यमंत्री ने अखिलेश को नसीहत देते हुए कहा, “न तो वह अवध में भाजपा को हरा पाए, न ही मगध में हरा पाएंगे। अब सैफई जाने की तैयारी करो।”

Keshav Maurya ने अखिलेश पर किया हमला
समाजवादी पार्टी बिहार चुनाव सीधे तौर पर नहीं लड़ रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा की हार का पुरजोर दावा किया है। लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की जनता ने अवध क्षेत्र में भाजपा को हराया था। अब बिहार की जनता मगध क्षेत्र में भी भाजपा को करारी शिकस्त देगी।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर सीधा हमला बोला। उन्होंने इसे सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने वाली पार्टी करार दिया। सांप्रदायिकता का मतलब है लोगों को धर्म के नाम पर बांटना। इससे समाज में तनाव बढ़ता है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश के चुनावों में नफरत का जहर घोल दिया था। वहां के चुनाव 2022 में हुए थे। भाजपा ने मुसलमानों और हिंदुओं के बीच फूट डालने की कोशिश की।
नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए। इससे दंगे भड़कने का खतरा बना रहा। अखिलेश का कहना है कि भाजपा ने वोट बटोरने के लिए ये हथकंडे अपनाए। अब बिहार में भी यही खेल चल रहा है। बिहार चुनाव आने वाले हैं। भाजपा फिर से नफरत की राजनीति कर रही है। वहां नीतीश कुमार के साथ गठबंधन है। लेकिन अखिलेश मानते हैं कि भाजपा पुरानी चालें दोहरा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे बिहार का भाईचारा खतरे में पड़ सकता है। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी सबको साथ लेकर चलेगी। नफरत नहीं फैलाएगी।
भाजपा की ये रणनीति हमेशा नाकाम होती है। लोग अब समझ गए हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने ऐसा ही किया था। तब भी नफरत के मुद्दे उठे। लेकिन अखिलेश का मानना है कि बिहार की जनता जागरूक है। वह इस जहर को निगलेगी नहीं। ऐसे बयान से विपक्ष मजबूत होता दिख रहा है। अखिलेश ने भाजपा को आईना दिखाया। कहा कि ये पार्टी विकास की बात करती है। लेकिन नफरत ही फैलाती है।
उपमुख्यमंत्री का व्यंग्य
उपमुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए अखिलेश के दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव न तो उन्हें अवध में हरा पाए और न ही मगध में हरा पाएँगे। अब उन्हें सैफई वापस जाने की तैयारी कर लेनी चाहिए।” उपमुख्यमंत्री ने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए भाजपा की मज़बूत रणनीति (Strong strategy) का हवाला दिया।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उपमुख्यमंत्री को बिहार विधानसभा चुनाव का सह-प्रभारी बना दिया है। यह फैसला पार्टी की रणनीति को मजबूत करने के लिए लिया गया। उपमुख्यमंत्री अब लगातार एनडीए के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। वे रोड शो आयोजित करके विपक्षी दलों जैसे राजद, कांग्रेस और सपा पर जोरदार हमले बोल रहे हैं। इन रोड शो में वे सड़कों पर जनसभाओं के जरिए लोगों से सीधा जुड़ते हैं।
उपमुख्यमंत्री का कहना है कि बिहार में विकास और एकता का यह आंदोलन विपक्ष के सभी दावों को फेल साबित कर देगा। विकास का मतलब यहां सड़कें, बिजली, स्कूल और रोजगार जैसे कामों से है, जो एनडीए सरकार चला रही है। एकता से वे हिंदू-मुस्लिम और सभी जातियों के बीच भाईचारा समझाते हैं। विपक्ष के नेता जातिवाद और पुरानी राजनीति पर जोर देते हैं, लेकिन उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि ये बातें अब खोखली हो गई हैं।
बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं, और एनडीए का संदेश यही है। उपमुख्यमंत्री के प्रयास से पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हो गए हैं। वे कई जिलों में घूम-घूमकर वोटरों को समझा रहे हैं कि विपक्ष के वादे हमेशा अधूरे रहते हैं। यह चुनाव बिहार के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।



