बिहार

Nalanda Dowry Case: ससुराल की ‘कैद’ में तड़पकर मर गई बेटी, पिता बोले- बस एक बार मिल लेने देते…

Nalanda Dowry Case: नालंदा जिले से एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां दहेज प्रताड़ना की वजह से बीमार हुई एक महिला की पटना पीएमसीएच में मंगलवार शाम मौत हो गई (incident)। छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव की रहने वाली 28 वर्षीय खुशी देवी की मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। बुधवार को परिजन शव पोस्टमार्टम के लिए मॉडल अस्पताल पहुंचे और न्याय की मांग करते हुए रो पड़े।

Nalanda Dowry Case
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परिजनों का आरोप—दहेज के लिए वर्षों से होती थी प्रताड़ना

मृतका के पिता ने आरोप लगाया कि खुशी देवी को शादी के बाद से ही लगातार दहेज को लेकर प्रताड़ित (Nalanda Dowry Case) किया जाता था (violence)। उनका कहना है कि पिछले दो वर्षों में बेटी मायके नहीं आई और ससुराल वाले उसे परिजनों से बात तक नहीं करने देते थे। अचानक मंगलवार की शाम दामाद की ओर से फोन आया कि खुशी की इलाज के दौरान पटना में मौत हो गई, जिसके बाद परिवार सदमे में आ गया।


बीमारी के दौरान भी मांगे गए थे पैसे, इलाज में बरती गई लापरवाही

परिजनों के अनुसार, दो साल पहले भी खुशी देवी की तबीयत काफी बिगड़ी थी (treatment)। उस दौरान उसका इलाज एक निजी क्लिनिक में कराया गया था, लेकिन उस समय भी ससुराल वालों ने मायके पक्ष से पैसे की मांग की थी। परिवार का आरोप है कि पर्याप्त इलाज न होने और उपेक्षा की वजह से खुशी की हालत और बिगड़ती गई, जो अंततः उसकी मौत का कारण बनी।


चार साल की शादी और तीन साल की मासूम बच्ची ने खो दिया सहारा

साल 2020 के जून में लोदीपुर गांव की खुशी देवी की शादी दीपनगर थाना क्षेत्र के सिपाह गांव के रहने वाले सुजीत साहू के साथ हुई थी (marriage)। दंपत्ति की तीन वर्षीय बेटी भी है, जो अब मां की मौत के बाद बेसहारा हो गई है। गांव में लोग इस बच्ची के भविष्य को लेकर चिंता जता रहे हैं और घटना को सामाजिक विफलता के रूप में देख रहे हैं।


पिता ने नामजद कराई FIR, चार लोगों पर गंभीर आरोप

इस गंभीर मामले में छबीलापुर थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि मृतका के पिता की शिकायत पर पति सहित कुल चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है (investigation)। आरोपियों पर मारपीट, प्रताड़ना और दहेज से जुड़े गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि घटना के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू कर दी गई है।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिक गई है मौत के कारण की सच्चाई

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ मॉडल अस्पताल भेज दिया है (forensic)। अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि खुशी देवी की मौत का वास्तविक कारण क्या था—बीमारी, लापरवाही या प्रताड़ना। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की दिशा तय होगी।


गांव में शोक और आक्रोश का माहौल

लोदीपुर गांव और आस-पास के क्षेत्र में लोगों में दुख और गुस्से का माहौल है (community)। ग्रामीणों का कहना है कि दहेज की मांग के कारण आज भी कई परिवार टूट रहे हैं, और खुशी देवी की मौत इसका ताजा उदाहरण है। लोग दोषियों को कठोर सजा देने की मांग कर रहे हैं ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।


दहेज प्रथा का काला सच—समाज के लिए चेतावनी

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि दहेज प्रथा आज भी महिलाओं के जीवन के लिए घातक बनी हुई है (awareness)। सामाजिक विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक समाज स्तर पर बड़े बदलाव नहीं आते, तब तक ऐसी दर्दनाक घटनाएं होती रहेंगी। खुशी देवी की मौत समाज के लिए एक चेतावनी है कि अब समय कठोर कदम उठाने का है।

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