बिहार

Manthan 2025: बोधगया में मुख्यमंत्री ने फूंका सुशासन का नया मंत्र, जुटेंगे प्रदेश के सभी दिग्गज

Manthan 2025 : बिहार के प्रशासनिक इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है क्योंकि बोधगया स्थित बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) में दो दिवसीय ‘मंथन-2025’ कार्यशाला का आगाज हो गया है। इस उच्चस्तरीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की (Governance Transformation) को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने बिपार्ड परिसर में आधुनिक तकनीक से लैस कई नई जन-सुविधाओं का लोकार्पण भी किया, जो भविष्य में अधिकारियों के प्रशिक्षण में मील का पत्थर साबित होंगी।

Manthan 2025
WhatsApp Group Join Now

मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत और विजन 2025

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विशेष विमान से पटना से गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, जहाँ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री ने (Public Service Excellence) पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारियों को जनता की समस्याओं के समाधान के लिए और अधिक संवेदनशील होना होगा। उद्घाटन सत्र में बिहार के महाधिवक्ता और मुख्य सचिव सहित कई वरिष्ठ नीति निर्धारकों ने हिस्सा लिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सरकार आगामी वर्षों के लिए एक ठोस प्रशासनिक रोडमैप तैयार करने की दिशा में गंभीर है।

जिलाधिकारियों और कमिश्नरों की अहम बैठक

मंथन-2025 महज एक औपचारिक मुलाकात नहीं है, बल्कि यह बिहार के सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों और सभी प्रमंडलीय आयुक्तों का एक साझा मंच है। यहाँ (District Management Strategy) पर गहराई से चर्चा की जा रही है ताकि विकास योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सके। कार्यशाला में शामिल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के सफल अनुभवों और नवाचारों को एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं, जिससे पूरे राज्य में एक समान और प्रभावी कार्यशैली विकसित की जा सके।

कानून-व्यवस्था और सुशासन पर गहन विमर्श

इस कार्यशाला का एक बड़ा हिस्सा कानून-व्यवस्था और लोक सेवा वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है। प्रशासनिक सुधारों के जरिए (Law and Order Stability) को और अधिक मजबूत करने के उपायों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सुशासन के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। अधिकारियों को तकनीक का अधिकतम उपयोग कर पारदर्शिता बढ़ाने के गुर सिखाए जा रहे हैं।

सुरक्षा का अभेद्य किला बना बोधगया

मुख्यमंत्री और राज्य के तमाम दिग्गज अधिकारियों की मौजूदगी को देखते हुए गया और बोधगया में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। सिटी एसपी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने (Security Protocol Audit) के तहत पूरे बिपार्ड परिसर और आसपास के संवेदनशील इलाकों का स्वयं निरीक्षण किया। कार्यक्रम स्थल की ओर जाने वाले हर मार्ग पर भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके और कार्यक्रम निर्बाध रूप से संपन्न हो।

आम जनता के लिए विशेष यातायात प्रबंधन

विशाल प्रशासनिक जमावड़े के कारण गया शहर की यातायात व्यवस्था में भी बड़े बदलाव किए गए हैं। प्रशासन ने (Urban Traffic Planning) को लागू करते हुए बिपार्ड और बोधगया की ओर जाने वाले कुछ प्रमुख मार्गों पर आम वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। यातायात पुलिस द्वारा वैकल्पिक मार्गों का निर्धारण किया गया है ताकि स्थानीय नागरिकों को कम से कम असुविधा हो। अधिकारियों ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए सुचारू आवागमन के लिए नए ट्रैफिक नियमों का पालन करने का आग्रह किया है।

जिला केंद्रित शासन प्रणाली को मजबूती

मंथन-2025 का मुख्य एजेंडा जिला केंद्रित शासन प्रणाली को और अधिक शक्तिशाली बनाना है। मुख्यमंत्री का मानना है कि जब तक (Decentralized Administration) की भावना को धरातल पर नहीं उतारा जाएगा, तब तक योजनाओं की जमीनी समीक्षा प्रभावी नहीं होगी। इस कार्यशाला में यह तय किया जा रहा है कि फाइलों के निपटारे में तेजी कैसे लाई जाए और जनहित की योजनाओं में हो रही देरी को कैसे न्यूनतम किया जाए। सरकार की मंशा एक ऐसी जवाबदेह नौकरशाही तैयार करने की है जो भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो।

महाबोधि मंदिर में शांति और समृद्धि की प्रार्थना

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के उपरांत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर पहुंचे। वहाँ उन्होंने (Spiritual Cultural Heritage) के केंद्र भगवान बुद्ध के चरणों में शीश नवाया और पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने बिहार की सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए मंदिर परिसर में कुछ समय बिताया। प्रशासनिक मंथन और आध्यात्मिक दर्शन का यह संगम यह दर्शाता है कि बिहार सरकार विकास के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक और वैचारिक जड़ों को भी साथ लेकर चलने के लिए संकल्पित है।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please disable your AdBlocker first, and then you can watch everything easily.