बिहार चुनाव 2025: सशस्त्र सुरक्षा, वेबकास्टिंग और सुरक्षा के तीन घेरे के बीच कल होगा मतदान
बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में पटना ज़िले की 14 सीटों पर मंगलवार को मतदान होगा। प्रशासन की व्यापक सुरक्षा, निगरानी और सुविधा व्यवस्था अब तक की सबसे कड़ी और अत्याधुनिक मानी जा रही है। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलने वाली इस लोकतांत्रिक(democratic) प्रक्रिया में 48 लाख से ज़्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। ज़िले के कुल 5,677 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा, जहाँ प्रत्येक केंद्र पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की मौजूदगी सहित त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होगी। प्रत्येक बूथ की लाइव वेबकास्टिंग से किसी भी गड़बड़ी या अनियमितता की स्थिति में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

तीन सुरक्षा घेरे, आसमान से निगरानी
जिला प्रशासन ने पूरी तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तैनात रहेंगे, जबकि संवेदनशील इलाकों – खासकर दियारा और टाल क्षेत्रों में घुड़सवार गश्ती दल गश्त करेंगे। किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता लगाने के लिए ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी।
ज़िला मजिस्ट्रेट डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मतदान की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। “हमारे लिए यह सिर्फ़ चुनाव नहीं, बल्कि विश्वास की परीक्षा है। मतदाताओं की सुरक्षा और सुविधा, दोनों ही सर्वोच्च प्राथमिकताएँ हैं।”
पहली बार, हर मतदान केंद्र वेबकास्टिंग के ज़रिए दिखाई देगा।
इस बार एक अनूठा प्रयोग चल रहा है। सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया की लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है। इसका मतलब है कि मुख्यालय हर मतदान केंद्र पर वास्तविक समय में क्या हो रहा है, यह देख सकेगा। इस कदम से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि उन मतदाताओं के लिए एक भरोसेमंद माहौल(trustworthy environment)भी बनेगा जो पहले चुनावी हिंसा या दबाव से डरते थे।
अंतर्राष्ट्रीय नज़रें भी बिहार पर रहेंगी।
इस चुनाव की पारदर्शिता और प्रक्रिया की निगरानी के लिए सात देशों के प्रतिनिधि बिहार पहुँच चुके हैं – फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और कोलंबिया के पर्यवेक्षक विभिन्न मतदान केंद्रों का दौरा करेंगे।
यह न केवल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की विश्वसनीयता(Reliability) का प्रतीक है, बल्कि बिहार के चुनाव प्रबंधन को लेकर वैश्विक जिज्ञासा को भी दर्शाता है।
541 बूथों की प्रभारी महिलाएँ
इस बार प्रशासन ने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। पटना ज़िले के 541 बूथों की प्रभारी महिला मतदान कर्मी होंगी। पीठासीन अधिकारी से लेकर पुलिस अधिकारी तक, सभी महिलाएँ होंगी।
यह पहल न केवल चुनावी समानता का प्रतीक है, बल्कि महिला कर्मियों में विश्वास और ज़िम्मेदारी की भावना को भी मज़बूत करती है।
मतदाताओं के लिए सुविधाजनक वातावरण
मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक बूथ पर विशेष व्यवस्था की गई है। पेयजल, शौचालय, व्हीलचेयर, सहायक कर्मचारी, प्रतीक्षालय और विश्रामगृह जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। बुजुर्गों, दिव्यांगों और गर्भवती महिलाओं के लिए प्राथमिक उपचार की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
इस बार मतदाता बूथ पर अपना मोबाइल फ़ोन ला सकेंगे, हालाँकि मतदान से पहले सुरक्षा के अलग से इंतज़ाम किए जाएँगे।
ज़िला मजिस्ट्रेट ने बताया कि मतदाता निजी वाहन से भी बूथ पर आ सकते हैं, लेकिन बूथ से 100 मीटर पहले वाहन पार्क करना अनिवार्य होगा। दिलचस्प बात यह है कि बूथों को बिहार की लोक संस्कृति की झलक दिखाने के लिए भी सजाया जा रहा है। मधुबनी पेंटिंग और लोक कला से सजे द्वार मतदाताओं का स्वागत करेंगे।
बिहार की विविधता हर वोट की गिनती में झलकेगी।
ज़िले में कुल 1.49 लाख उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 25.47 लाख पुरुष मतदाता, 22.82 लाख महिला मतदाता और 157 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। यह चुनाव सिर्फ़ एक राजनीतिक मुकाबला ही नहीं, बल्कि सामाजिक विविधता का भी प्रतीक है—जहाँ हर वर्ग और समुदाय अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।
मतदान करने के लिए फोटो पहचान पत्र (EPIC) अनिवार्य होगा। हालाँकि, जिनके पास यह नहीं है, वे 12 अन्य दस्तावेज़ों—जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पेंशन दस्तावेज़, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक या स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड—का उपयोग करके मतदान कर सकते हैं।
6 नवंबर सिर्फ़ एक चुनाव की तारीख़ नहीं, बल्कि बिहार के लोकतांत्रिक ढाँचे की परीक्षा है। सुरक्षा बलों की सतर्कता, महिला कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी, तकनीकी वेबकास्टिंग और मतदाताओं का उत्साह – ये सभी इस चुनाव को “सुरक्षित, पारदर्शी और सहभागी चुनाव” का एक मॉडल बनाते हैं।



