Bihar Cyber Fraud Incidents: भागलपुर में साइबर लुटेरों ने मचाई तबाही, बुजुर्ग को डराकर और बैंक मैनेजर को लालच देकर उड़ाए करोड़ों
Bihar Cyber Fraud Incidents: बिहार के भागलपुर जिले से साइबर अपराध की एक ऐसी रूह कांपने वाली खबर सामने आई है, जिसने पुलिस प्रशासन और आम जनता को सकते में डाल दिया है। रेडक्रॉस रोड के रहने वाले एक बुजुर्ग नलिन कुमार राय (Cyber Crime Investigation Bihar) के ऐसे जाल में फंसे कि उन्हें अपनी जिंदगी भर की कमाई से हाथ धोना पड़ा। ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक हथियार का इस्तेमाल कर बुजुर्ग को इस कदर डरा दिया कि उन्होंने बिना सोचे-समझे सवा करोड़ रुपये अपराधियों के हवाले कर दिए
नकली सीबीआई अधिकारी की धमकी और खौफ का मंजर
नलिन कुमार राय ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि अपराधियों ने खुद को सीबीआई (CBI) का बड़ा अधिकारी बताकर उन्हें कॉल किया था। फोन करने वाले ने बड़े ही पेशेवर अंदाज में (Digital Arrest Scam Tactics) का सहारा लेते हुए कहा कि उनके बैंक खाते संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हैं। अपराधी ने उन्हें धमकी दी कि यदि उन्होंने तुरंत सहयोग नहीं किया और खातों की जांच नहीं कराई, तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा और उनके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
तीन किश्तों में आरटीजीएस के जरिए हुई करोड़ों की लूट
डर के मारे बुजुर्ग ने वही किया जो साइबर ठगों ने उनसे कहा। अपराधियों ने उन्हें घर से बाहर न निकलने और फोन न काटने का दबाव बनाया। इस दबाव में आकर नलिन राय ने अपने खाते से (Online RTGS Money Transfer) के माध्यम से तीन बार में भारी रकम भेजी। उन्होंने पहली बार में 49.90 लाख, दूसरी बार 49.50 लाख और तीसरी बार में 20.50 लाख रुपये ठगों द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा करा दिए। जब तक उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हुए हैं, तब तक देर हो चुकी थी।
बैंक मैनेजर भी नहीं बच पाए ठगों के शातिर जाल से
ठगी का दूसरा मामला और भी चौंकाने वाला है क्योंकि इस बार शिकार एक जिम्मेदार बैंक मैनेजर हुए हैं। कहलगांव के रहने वाले मोहम्मद सरफराजउद्दीन, जो दूसरे जिले में बैंक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं, (Investment Fraud Schemes) के शिकार बन गए। अपराधियों ने उन्हें स्टॉक मार्केट और आईपीओ में निवेश कर रातों-रात अमीर बनने का झांसा दिया। एक शिक्षित और बैंकिंग एक्सपर्ट होने के बावजूद, सरफराजउद्दीन ठगों की लुभावनी बातों और फर्जी एप के झांसे में आ गए।
व्हाट्सएप कोर्स और अमेरिकी महिला के नाम का फर्जीवाड़ा
ठगों ने सरफराजउद्दीन को ‘जास सिंह’ नामक व्यक्ति के जरिए एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, जहां आईपीओ इन्वेस्टमेंट का फ्री कोर्स सिखाने का नाटक किया गया। इस (Fraudulent Trading App) के जाल को और विश्वसनीय बनाने के लिए ‘जीना वीरल मेहता’ और ‘रिया’ जैसे नामों का इस्तेमाल किया गया। ठगों ने रिया को अमेरिका का निवासी बताया और एक विदेशी नंबर से बातचीत शुरू की। बैंक मैनेजर को लगा कि वे किसी अंतरराष्ट्रीय निवेश फर्म के साथ जुड़ गए हैं।
पत्नी के खाते से किया निवेश और फिर टैक्स का मायाजाल
ठगों के निर्देश पर बैंक मैनेजर ने अपनी पत्नी के खाते से कई बार में कुल 1.10 करोड़ 90 हजार रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए। कुछ समय बाद (Fake Profit Withdrawal) का झांसा देते हुए ठगों ने कहा कि उनका मुनाफा करोड़ों में पहुंच गया है। लेकिन इस रकम को निकालने के लिए उन्हें ‘विदड्रॉअल टैक्स’ के रूप में 24.40 लाख रुपये और जमा करने होंगे। बैंक मैनेजर ने मुनाफे के लालच में यह भारी भरकम टैक्स भी चुका दिया।
पैसे मिलते ही ग्रुप से रिमूव और खाते फ्रीज
जैसे ही अपराधियों के पास टैक्स की रकम पहुंची, उन्होंने अपनी असलियत दिखा दी। सरफराजउद्दीन को तुरंत (Social Media Group Removal) का सामना करना पड़ा और उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर निकाल दिया गया। उनके कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया गया और जिस एप पर वे अपना ‘मुनाफा’ देख रहे थे, वह भी फ्रीज हो गया। इस तरह एक बैंक अधिकारी को निवेश के नाम पर सवा करोड़ से ज्यादा का चूना लगा दिया गया।
भागलपुर साइबर थाना में मामला दर्ज, जांच तेज
इन दोनों ही बड़े मामलों के बाद भागलपुर का साइबर थाना अलर्ट मोड पर है। पुलिस ने (Cyber Security Awareness) अभियान को तेज करने की बात कही है और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से अपराधियों के बैंक खातों और आईपी लोकेशन को ट्रैक किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि लोग ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी किसी भी फर्जी कॉल से न डरें और किसी भी अनजान एप पर निवेश करने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें।