बिहार

पिता और भाई ने मिलकर किया युवक का मर्डर, नशे में माता-पिता के साथ करता था मारपीट

समस्तीपुर में 21 जून शुक्रवार को एक पुरुष का अधजला मृतशरीर मिला था. पुरुष की मर्डर किए जाने के बाद पहचान छुपाने के लिए उसके मृतशरीर को जलाया गया था. अब इस मुद्दे में पुलिस ने खुलासा करते हुए पिता, भाई और चाचा को अरैस्ट कर लिया है.

शव मोहनपुर जलालपुर के सुवीन्द्र राय के बेटे कंचन कुमार उर्फ राजेश की है. कंचन की मर्डर उसके भाई मिथलेश, पिता सुवीन्दर राय और चाचा सुरेंद्र राय ने मिलकर की थी. मृतशरीर की पहचान नहीं हो इसलिए उसे गंगा के कछार में फेंक कर आग भी लगा दिया था.

मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मृतक कंचन के भाई मिथिलेश कुमार और उसके चाचा सुरेंद्र राय को अरैस्ट कर लिया है. अब दोनों को कारावास भेजा जा रहा है. वहीं, मृतक के पिता घर छोड़ फरार है. कहा गया है कि कंचन नशे का आदी था. अक्सर नशे की हालत में घर आकर अपने मां-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हाथापाई किया करता था. इससे परेशान होकर लोगों ने उसकी मर्डर की.

पहले मृतशरीर की पहचान दूसरे लड़के के रूप में की

पटोरी के DSP बीके मेधावी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन किया. इसमें जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 21 जून को मोहनपुर थाना क्षेत्र के गंगा दियारे के चपरा गांव स्थित गंगा नदी के कछार में अध जला शव‌ मिला था. पहले इस मृतशरीर की पहचान वैशाली के गंगा ब्रिज थाना के आमोद राय के बेटे सनी कुमार के रूप में की गई.

आमोद उक्त मृतशरीर को लेकर आखिरी संस्कार के लिए चले भी गए. हालांकि, बाद में गंगा ब्रिज थाना पुलिस ने सनी कुमार को जीवित बरामद किया. इसके बाद इस मुद्दे में नए सिरे से जांच प्रारम्भ की गई.

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

मानवीय और तकनीकी आधार पर इस मुद्दे में जांच प्रारम्भ की गई. DSP ने आगे कहा कि जांच के दौरान यह बात सामने आई की मृतशरीर मोहनपुर थाना क्षेत्र के ही जलालपुर गांव के सुवीन्दर राय के बेटे कंचन कुमार का है. जब इस मुद्दे में कंचन के भाई मिथिलेश कुमार और उसके चाचा सुरेंद्र राय को पकड़ कर थाना लाया गया. पूछताछ प्रारम्भ की गई तो मिथिलेश ने स्वीकार किया कि उसका भाई कंचन नशे का आदी था. अक्सर नशे की हालत में घर लौटता था. मां-पिता के अतिरिक्त परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हाथापाई कर घायल कर देता था.

यह सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था. इससे परेशान होकर उसने अपने पिता और चाचा के योगदान से रस्सी से गला घोंट कर उसकी मर्डर कर दी. मृतशरीर की पहचान न हो इसके लिए वह बाइक पर ले जाकर उसे गंगा के कछार में फेंक दिया और उसमें आग लगा दी.

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