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Indigo flight cancellations: पर बढ़ता दबाव: एयरलाइंस सेक्टर में नए संकेत

Indigo flight cancellations: लगातार सात दिनों तक 4500 से अधिक उड़ानें रद होने के बाद Indigo पर संकट गहराता दिखाई दे रहा है। बड़ी संख्या में यात्रियों को हुई परेशानी के चलते सरकार अब कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि सरकार Indigo के operational slots में कटौती करने पर विचार कर रही है, जिससे प्रभावित स्लॉट्स को अन्य एयरलाइंस को allocate किया जा सकेगा। यह कदम न केवल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है, बल्कि aviation sector में balance बनाए रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।

Indigo flight cancellations
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सरकारी रुख और संभावित slot reduction

केंद्रीय उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने स्पष्ट किया है कि Indigo फिलहाल देशभर में 2200 से अधिक उड़ानें संचालित करती है और मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए उन स्लॉट्स का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। विशेष रूप से winter schedule पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा क्योंकि इस अवधि में flight frequency और demand बढ़ जाती है। मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि एयरपोर्ट्स पर केंद्रीय अधिकारियों की नियुक्ति कर निगरानी और नियंत्रण को मजबूत किया जा सकता है।


नायडू के संसद में दिए बयान के बाद aviation industry में यह चर्चा तेज हो गई है कि सरकार Indigo के लगभग 5 प्रतिशत स्लॉट्स को अन्य carriers को transfer कर सकती है। ऐसी स्थिति में करीब 110 उड़ानों पर सीधा असर पड़ सकता है। sector experts का मानना है कि slot reallocation एक बड़ा administrative step होता है, जो किसी भी airline की operational capacity को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है।

DGCA को Indigo का जवाब और कंपनी का पक्ष

Indigo ने DGCA द्वारा भेजे गए show cause notice का आधिकारिक जवाब देते हुए स्थिति पर खेद जताया। एयरलाइन का कहना है कि Flight Duty Time Limitation policy में हुए बदलाव और winter operations से जुड़ी adjustments के कारण बड़ी संख्या में flights रद्द करनी पड़ीं। कंपनी के अनुसार, operational transitions को संतुलित करने में अपेक्षा से अधिक समय लगा, जिसका सीधा प्रभाव flight schedules पर पड़ा।
Aviation analysts का कहना है कि जब भी crew management norms में बदलाव होते हैं, airlines को अपनी manpower distribution और roster planning को नए सिरे से तैयार करना पड़ता है। यदि तैयारी समय पर न हो, तो बड़े पैमाने पर cancellations का जोखिम बढ़ जाता है, जैसा कि वर्तमान मामले में देखने को मिला।

पायलट भर्ती और नए safety norms की पृष्ठभूमि

केंद्रीय मंत्री ने संसद में यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने दो वर्ष पहले ही updated flight safety regulations जारी कर दिए थे। इन नियमों के अनुसार सभी एयरलाइंस को pilot recruitment और crew expansion पर विशेष ध्यान देना था ताकि वे नए operational standards को सहजता से लागू कर सकें।
Indigo के मामले में मंत्रालय का कहना है कि एयरलाइन ने अपने fleet size के अनुपात में crew strength को पर्याप्त नहीं बढ़ाया। परिणामस्वरूप, जैसे ही updated norms का कड़ाई से पालन अनिवार्य हुआ, airline की operational क्षमता प्रभावित हुई और हजारों flights को रद्द करना पड़ा। यह स्थिति न केवल airline की internal planning को दर्शाती है बल्कि aviation industry में timely workforce management के महत्व को भी उजागर करती है।

यात्रियों और aviation market पर प्रभाव

इतनी बड़ी संख्या में किए गए cancellations से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा है, जिसका असर travel trust factor पर भी पड़ा है। इसी वजह से government intervention को आवश्यक माना जा रहा है ताकि domestic aviation market में stability बनी रहे। slot redistribution और monitoring system को मजबूत करना उद्योग में service reliability को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
उद्योग विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि Indigo अपने crew training, scheduling system और compliance processes को तेजी से अपडेट करती है, तो airline दोबारा operational stability हासिल कर सकती है। वर्तमान स्थिति से यह भी स्पष्ट होता है कि aviation sector में capacity planning और regulatory compliance को प्राथमिकता देना कितना आवश्यक है।

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