Symptoms of Dehydration: पर्याप्त पानी न पीने से शरीर पर पड़ने वाले प्रमुख प्रभाव
Symptoms of Dehydration: हमारा शरीर पानी पर ही आधारित होता है और इसकी सही मात्रा बनाए रखना हर किसी के लिए बेहद ज़रूरी है। जब हम दिन भर में उचित मात्रा में पानी नहीं पीते, तो इसका असर सिर्फ हमारी प्यास पर नहीं बल्कि पूरे शरीर की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। शरीर का तापमान नियंत्रित (Temperature Controlled) रखने से लेकर पाचन और रक्त संचार जैसे महत्वपूर्ण कार्य पानी की वजह से ही सुचारू रहते हैं। कई बार लोग व्यस्तता या आदत के कारण पर्याप्त पानी नहीं पी पाते और धीरे-धीरे शरीर पर ऐसे संकेत दिखने लगते हैं जो बताते हैं कि शरीर डिहाइड्रेशन की ओर बढ़ रहा है। अगर समय रहते इन लक्षणों को समझ लिया जाए तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है। नीचे दिए गए बिंदुओं में उन प्रमुख लक्षणों का विस्तृत उल्लेख है जो पानी की कमी होने पर दिखाई देने लगते हैं।

मुंह की बदबू और सूखापन
जब शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो सबसे पहले इसका असर मुंह के भीतर महसूस होता है। कम पानी पीने से लार का उत्पादन कम हो जाता है जिससे मुंह सूखने लगता है। ऐसे में बैक्टीरिया (bacteria) तेजी से पनपते हैं और सांसों में बदबू आने लगती है। यह समस्या अक्सर उन लोगों में देखी जाती है जो दिन भर में बहुत कम पानी पीते हैं या फिर लंबे समय तक पानी पीने में लापरवाही करते हैं।
बालों का कमजोर होना और झड़ना
डिहाइड्रेशन का सीधा असर बालों की जड़ों पर पड़ता है। पानी की कमी के कारण स्कैल्प सूखने लगता है और बालों की ग्रोथ प्रभावित होती है। जड़ें कमजोर होने लगती हैं और बाल सामान्य से कहीं अधिक तेजी से झड़ने लगते हैं। अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के बाल झड़ना बढ़ जाए तो यह संकेत हो सकता है कि शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन (adequate hydration) नहीं मिल रहा।
रक्त संचार में बाधा और एनीमिया का खतरा
पानी कम पीने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। लंबे समय तक पानी की कमी रहने पर रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन का स्तर घट सकता है जिससे एनीमिया जैसी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं। हीमोग्लोबिन (hemoglobin) कम होने पर थकान, सांस फूलना, चक्कर और कमजोरी जैसी परेशानियाँ सामने आने लगती हैं। स्वस्थ रक्त प्रवाह बनाए रखने के लिए नियमित रूप से पर्याप्त पानी पीना अत्यंत आवश्यक है।
मानसिक तनाव और मूड स्विंग
पानी की कमी सिर्फ शरीर पर ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में अक्सर सिरदर्द, मानसिक तनाव, एंग्जायटी और मूड में अचानक बदलाव जैसी समस्याएँ दिखाई देती हैं। दिमाग की कार्यक्षमता (efficiency) काफी हद तक हाइड्रेशन लेवल पर निर्भर करती है, इसलिए पानी की कमी होने पर मानसिक थकान तेजी से बढ़ती है।
लगातार थकान और कमजोरी
जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता, तो ऊर्जा स्तर गिरने लगते हैं। पानी शरीर में ऊर्जा के संचार और पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस कारण कम पानी पीने से व्यक्ति को हर समय थकान, सुस्ती और कमजोरी महसूस होती रहती है। यह स्थिति लंबे समय तक रहने पर सामान्य गतिविधियाँ भी प्रभावित(Activities also affected) होने लगती हैं।



