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Mahadev Betting App: भगोड़े उप्पल की अंतर्राष्ट्रीय उड़ान पर SC नाराज, दिया ये बड़ा आदेश

Mahadev Betting App: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि महादेव सट्टेबाजी एप (Mahadev Betting App) के फरार सह-संस्थापक रवि उप्पल का जल्द से जल्द पता लगाया जाए और उसे न्यायालय के सामने पेश किया जाए। कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब जानकारी सामने आई कि आरोपी दुबई से भागकर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया है। न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि अदालतों और जांच एजेंसियों को अपराधियों के लिए “खेल का मैदान” नहीं बनने दिया जा सकता।

 

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आरोपी की फरारी और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, रवि उप्पल ने भारत में चल रही कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए दुबई से किसी अज्ञात देश में शरण ली है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अधिकारियों ने उसके खिलाफ चल रही extradition process को रोक दिया है, जिससे उसकी गिरफ्तारी मुश्किल हो गई है। अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अपराधी लगातार न्याय से भागने की कोशिश करते हैं और अब यह प्रवृत्ति रोकनी जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को सख्त निर्देश दिए हैं कि आरोपी को किसी भी कीमत पर ढूंढकर हिरासत में लिया जाए।


ईडी की दलीलें और कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान Additional Solicitor General S.V. Raju ने अदालत को बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि उप्पल दुबई से फरार हो गया है। उन्होंने कहा कि कई financial crime offenders ऐसे देशों में शरण लेते हैं जहाँ भारत की extradition treaty नहीं होती। राजू ने अनुमान लगाया कि उप्पल संभवतः British Virgin Islands या अन्य देशों में गया हो सकता है। इस पर अदालत ने टिप्पणी की कि आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए जगह-जगह छिपता फिर रहा है, लेकिन न्याय से भागना हमेशा संभव नहीं है।


अदालत की सख्ती और आगामी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को तय की है। अदालत ने उप्पल के वकील से कहा कि वह अपने मुवक्किल को भारत लौटने और कानूनी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए राजी करें। न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा कि आरोपी को न्यायिक प्रक्रिया में शामिल होना ही होगा, क्योंकि कोर्ट हर मामले में उदारता दिखाने के बावजूद फरारी को स्वीकार नहीं कर सकता। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आगे अब इस मामले में अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा।


महादेव एप घोटाले का पृष्ठभूमि

महादेव सट्टेबाजी एप (Mahadev Online Book) को वर्ष 2018 में रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर ने मिलकर शुरू किया था। यह एप भारत में illegal betting और online gambling से जुड़ा एक बड़ा नेटवर्क था, जिसके जरिए करोड़ों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग किया गया। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह घोटाला लगभग ₹6,000 करोड़ का है और देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है।


गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण की कार्यवाही

दिसंबर 2023 में इंटरपोल (Interpol) के Red Notice के आधार पर उप्पल को दुबई में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद भारत की ईडी ने उसके प्रत्यर्पण के लिए आधिकारिक पत्र भेजा था। हालांकि, कुछ समय बाद यूएई अधिकारियों ने उसे निगरानी में रखते हुए रिहा कर दिया था। इसी बीच, उसका सहयोगी सौरभ चंद्राकर अक्टूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार हुआ और उसका extradition request अभी भी लंबित है।


राजनीतिक जुड़ाव और जांच की दिशा

महादेव एप केस की शुरुआती जांच में कई बड़े राजनीतिक नामों के जुड़ाव की भी बात सामने आई थी। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम इस मामले में आरोपी सूची में जोड़ा गया था। आगे की जांच के लिए यह मामला Central Bureau of Investigation (CBI) को सौंप दिया गया, जिससे इसकी कार्रवाई और तेज हुई।


न्यायिक रुख और देश के लिए संदेश

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय न केवल इस मामले के लिए बल्कि सभी financial crime cases के लिए एक अहम उदाहरण बन सकता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि न्याय से भागने वाले आरोपी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा। यह कदम भारत में चल रहे anti-money laundering efforts और cybercrime control को मजबूती देने में मदद करेगा।

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