Congress Working Committee Meeting Delhi: कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र पर किया आर-पार का हमला
Congress Working Committee Meeting Delhi: नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में देश के राजनीतिक भविष्य को लेकर गहन मंथन हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक को संबोधित करते हुए एक बेहद भावुक और गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश लोकतंत्र, संविधान और बुनियादी नागरिक अधिकारों के मामले में चारों ओर से (Systemic Crisis in Democracy) से घिरा हुआ है। खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को चेतावनी दी कि यदि अब आवाज नहीं उठाई गई, तो आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।
मनरेगा को खत्म करना महात्मा गांधी का अपमान
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा की जगह नया कानून ‘वीबी-जी राम जी’ लाने के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई गई। मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि इस ऐतिहासिक योजना को खत्म करना दरअसल ग्रामीण गरीबों और कमजोर वर्गों को बेसहारा करने की एक सोची-समझी कोशिश है। उन्होंने इसे (Rural Employment Rights Violation) करार देते हुए कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण भारत से पलायन और भूख को मिटाने में क्रांति पैदा की थी। कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा जन अभियान शुरू करने की योजना बना रही है।
एसआईआर को बताया चुनावी धांधली की गहरी साजिश
मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर (SIR) को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग और भाजपा के बीच कथित मिलीभगत पर गंभीर सवाल खड़े किए। खरगे ने कहा कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की एक सोची-समझी साजिश है। उन्होंने चिंता जताई कि (Electoral Integrity Challenges) के कारण दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। पार्टी ने अपने कैडर को निर्देश दिया है कि वे बूथ स्तर पर जाकर यह सुनिश्चित करें कि समाज के इन वर्गों के साथ कोई अन्याय न हो।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के हालात पर कांग्रेस की चिंता
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में केवल घरेलू मुद्दे ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। खरगे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न (Minority Rights Protection) पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे एक गंभीर मानवीय संकट बताया। इसके साथ ही, भारत के भीतर भी क्रिसमस के अवसर पर कुछ क्षेत्रों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों की निंदा की गई और इसे देश की साझा संस्कृति के खिलाफ बताया गया।
नए रोजगार कानून के खिलाफ देशभर में उग्र आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने ‘विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी वीबी-जी राम जी एक्ट के विरोध में सड़क पर उतरने का फैसला किया है। बैठक में तय किया गया कि (Opposition Action Plan) के तहत इस कानून की खामियों को जनता के बीच ले जाया जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि नया कानून मनरेगा की तुलना में श्रमिकों के अधिकारों को कमजोर करता है। आगामी दिनों में देश के हर जिले और ब्लॉक स्तर पर इस ‘रोजगार गारंटी विरोधी’ नीति के खिलाफ बड़े प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।
आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस का ‘विजय मंत्र’
बैठक में चुनावी राज्यों—असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी—की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई। इन राज्यों में (Election Strategy 2026) को धार देने के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्षों ने अपने सुझाव साझा किए। कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया, जिससे पार्टी के भीतर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की गई। कांग्रेस इन चुनावों को भाजपा और उसके सहयोगियों को रोकने के एक बड़े अवसर के रूप में देख रही है।
गौरव गोगोई ने असम सरकार के भ्रष्टाचार को बेनकाब किया
असम के संदर्भ में सांसद गौरव गोगोई ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार पर तीखे हमले किए। गोगोई ने आरोप लगाया कि असम में प्रतिदिन कुशासन और भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। उन्होंने (Administrative Corruption in Assam) का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक रेत, कोयला और मवेशी तस्करी जैसे माफिया राज में लिप्त हैं। गोगोई ने यह भी दावा किया कि सत्ताधारी दल के एक विधायक की नागरिकता पर भी सवाल हैं, जिसका जवाब मुख्यमंत्री के पास नहीं है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि
राजनीतिक चर्चाओं के बीच, कांग्रेस कार्यसमिति ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सेवाओं और देश के प्रति समर्पण के लिए विशेष रूप से याद किया। बैठक की शुरुआत में (Tribute to Manmohan Singh) अर्पित करते हुए उनकी आर्थिक दूरदर्शिता की सराहना की गई। पूरी बैठक में यह संदेश देने की कोशिश की गई कि कांग्रेस अब एक बार फिर अपनी पुरानी विचारधारा और गरीब-हितैषी नीतियों के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार है।