Najib Razak Corruption Verdict: नजीब रजाक को एक और भ्रष्टाचार मामले में हुई सजा, क्या अब जेल ही होगा पूर्व पीएम का ठिकाना…
Najib Razak Corruption Verdict: मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को मलेशियाई हाई कोर्ट ने 1MDB (1मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाद) राज्य निवेश कोष से जुड़े अरबों डॉलर के महाघोटाले में उन्हें फिर से दोषी करार दिया है। 72 वर्षीय नजीब को पद के दुरुपयोग के तीन गंभीर आरोपों में दोषी पाया गया। अदालत ने माना कि उन्होंने सत्ता के शिखर पर रहते हुए (Official Misconduct Allegations) की सीमाओं को लांघा और सरकारी धन का उपयोग निजी हितों के लिए किया। यह फैसला न केवल नजीब के राजनीतिक भविष्य पर पूर्णविराम लगाता है, बल्कि मलेशिया की न्यायिक व्यवस्था की मजबूती को भी दर्शाता है।
700 मिलियन डॉलर का निजी खातों में अवैध हस्तांतरण
अदालत में पेश किए गए दस्तावेजों (Najib Razak Corruption Verdict) और जांच के अनुसार, नजीब रजाक ने 1MDB कोष से 700 मिलियन डॉलर से अधिक की विशाल राशि को सीधे अपने निजी बैंक खातों में हस्तांतरित किया था। अभियोजन पक्ष ने सफलतापूर्वक यह साबित किया कि (Bank Fund Transfers) की यह पूरी प्रक्रिया अवैध थी और इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय का सीधा हस्तक्षेप था। 2009 से 2018 के बीच जब नजीब सत्ता में थे, तब उन्होंने विकास के नाम पर यह फंड बनाया था, लेकिन बाद में यही फंड दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया।
पहले से ही 12 साल की जेल काट रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री
नजीब रजाक पहले से ही भ्रष्टाचार के एक पुराने मामले में सजायाफ्ता हैं और जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्हें 2020 में आपराधिक विश्वासघात और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए 12 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। वह मामला SRC इंटरनेशनल (1MDB की पूर्व इकाई) से (Criminal Breach of Trust) से जुड़ा था, जिसमें उनके खातों में 42 मिलियन रिंगिट भेजे गए थे। हालांकि, 2024 में पार्डन्स बोर्ड ने उनकी सजा को आधा कर दिया था, लेकिन ताजा फैसले के बाद अब उनकी रिहाई की उम्मीदें पूरी तरह धूमिल होती नजर आ रही हैं।
हॉलीवुड फिल्मों और लग्जरी यॉट पर खर्च हुआ जनता का पैसा
अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) की जांच में इस घोटाले के ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। जांचकर्ताओं का दावा है कि लूटे गए 4.5 अरब डॉलर का उपयोग (Global Money Laundering) के माध्यम से अमेरिका, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में किया गया। इस पैसे से नजीब के करीबियों ने हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्में फाइनेंस कीं और लग्जरी यॉट, कीमती कलाकृतियां, होटल और करोड़ों के आभूषणों की फिजूलखर्ची की। तत्कालीन अमेरिकी अटॉर्नी जनरल ने इसे दुनिया का सबसे खराब “क्लेप्टोक्रेसी” यानी चोरों का शासन करार दिया था।
‘अछूत’ होने का भ्रम और 2018 की ऐतिहासिक हार
नजीब रजाक एक रसूखदार राजनीतिक परिवार के वारिस हैं और लंबे समय तक उन्हें मलेशिया की राजनीति में ‘अछूत’ माना जाता था। जनता का मानना था कि उन पर कभी कानून का हाथ नहीं पड़ेगा। लेकिन 1MDB घोटाले पर बढ़ते (Public Outrage and Protests) के कारण 2018 के चुनाव में उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह मलेशिया की आजादी के बाद पहली बार था जब नजीब की पार्टी सत्ता से बाहर हुई थी। इस चुनाव ने यह संदेश दिया कि जनता के धन की लूट को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
नजीब का दावा: “मुझे सऊदी ने दान दिया और सहयोगियों ने गुमराह किया”
इतने गंभीर सुबूतों के बावजूद नजीब रजाक ने हमेशा खुद को बेगुनाह बताया है। उनका तर्क है कि उनके बैंक खातों में जो करोड़ों डॉलर आए थे, वे सऊदी अरब के राजपरिवार की ओर से दिया गया ‘दान’ था। उन्होंने इस पूरे मामले को (Political Motivation Prosecution) बताते हुए दावा किया कि भगोड़े वित्तीय सलाहकार ‘जो लो’ ने उन्हें गुमराह किया और वे केवल एक शिकार बने हैं। हालांकि, अदालत ने उनके इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि वे एक “अनजान लाभार्थी” थे, बल्कि कोर्ट ने उन्हें इस पूरी साजिश का मुख्य निर्णयकर्ता माना।
घर में नजरबंदी की कोशिश हुई नाकाम और पत्नी को भी सजा
जेल में रहने के दौरान नजीब ने अपनी सजा घर में काटने (Home Arrest Appeal) के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी, लेकिन इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें वहां भी नाकामी हाथ लगी। हाई कोर्ट ने उनके शाही आदेश के दावे को असंवैधानिक बताकर रद्द कर दिया। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी रोसमा मंसोर को भी भ्रष्टाचार के अन्य मामले में 10 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। नजीब के वकील अब इस ताजा फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में नजीब के लिए जेल से बाहर आना नामुमकिन सा लग रहा है।
वॉल स्ट्रीट से स्विट्जरलैंड तक मची वैश्विक हलचल
1MDB घोटाले ने केवल मलेशिया ही नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में भी हड़कंप मचा दिया था। मशहूर निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स को इस कोष के लिए धन जुटाने में अपनी संदिग्ध भूमिका के लिए (Financial Sector Penalties) के तहत अरबों डॉलर का जुर्माना चुकाना पड़ा। दुनिया के कई देशों में इस मामले की जांच अभी भी जारी है। नजीब रजाक का मामला आधुनिक युग के सबसे बड़े भ्रष्टाचार का एक ऐसा सबक है, जिसने विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हिलाकर रख दिया और यह साबित किया कि कानून के हाथ सबसे लंबे होते हैं।