India Export Growth 2025: निर्यात और डिजिटल सुधारों ने रचा इतिहास, तेजी से हुआ व्यापारिक उदय
India Export Growth 2025: वाणिज्य विभाग के लिए वर्ष 2025 एक ऐसी मील का पत्थर साबित हुआ है, जिसने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में भारत की स्थिति को नई ऊंचाई दी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने (Piyush Goyal Trade Update) साल के अंत में हुई समीक्षा बैठक में गर्व के साथ बताया कि यह वर्ष रिकॉर्ड तोड़ निर्यात और बड़े वैश्विक समझौतों का रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप, भारत ने न केवल व्यापार बढ़ाया है, बल्कि घरेलू कारोबारियों के लिए नियमों को भी सरल बनाकर एक बेहतर माहौल तैयार किया है।
सेवाओं के निर्यात में भारत की अभूतपूर्व सफलता
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का कुल निर्यात 825.25 अरब डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.05 फीसदी अधिक है। इस बड़ी कामयाबी में (Service Export Surplus) सेवाओं के निर्यात का सबसे बड़ा योगदान रहा, जिसने 387.54 अरब डॉलर का आंकड़ा छू लिया। इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग उत्पाद और दवाइयों जैसे क्षेत्रों ने वैश्विक बाजार में भारत की पकड़ को और अधिक मजबूत बनाया है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़ोतरी हुई है।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से व्यापार हुआ आसान
सरकार ने व्यापारिक प्रक्रियाओं को आधुनिक बनाने के लिए कई क्रांतिकारी डिजिटल पहलें शुरू की हैं। निर्यातकों की सहायता के लिए (Trade Connect e-Platform) ‘ट्रेड कनेक्ट ई-प्लेटफॉर्म’ लॉन्च किया गया है, जो एकल खिड़की समाधान के रूप में कार्य करता है। इसके साथ ही ‘ट्रेड इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स’ पोर्टल के माध्यम से व्यापारियों को रीयल-टाइम मार्केट डेटा मिल रहा है। इन तकनीकों ने भारतीय व्यापारियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने और आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान की है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीन प्रमुख व्यापारिक समझौते
भारत ने साल 2025 में दुनिया के प्रमुख देशों के साथ तीन बड़े मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) को अंतिम रूप दिया है। इनमें (India-UK CETA Agreement) भारत-यूके व्यापार समझौता, ओमान के साथ व्यापक साझेदारी और न्यूज़ीलैंड के साथ हुआ मुक्त व्यापार समझौता शामिल है। ये समझौते न केवल भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार खोलेंगे, बल्कि देश में विदेशी निवेश लाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने में भी सहायक सिद्ध होंगे।
स्टार्टअप इकोसिस्टम और सरकारी सुधारों का असर
भारत में स्टार्टअप्स की दुनिया भी तेजी से विस्तार कर रही है, जहां मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2 लाख के पार हो गई है। सरकारी प्रयासों के कारण (Ease of Doing Business India) ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में काफी सुधार हुआ है और भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 38वें स्थान पर पहुंच गया है। सरकार ने 47,000 से अधिक अनावश्यक नियमों को हटाकर और कानूनी अड़चनों को कम करके व्यापारियों को एक खुली और सुरक्षित कार्यप्रणाली प्रदान की है।