Udaipur National Bird Hunting Case: राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार कर ‘पार्टी’ करते पकड़े गए कांग्रेस नेता और हिस्ट्रीशीटर, राजस्थान में मचा हड़कंप
Udaipur National Bird Hunting Case: झीलों की नगरी उदयपुर में एक ऐसी सनसनीखेज वारदात सामने आई है जिसने वन्यजीव प्रेमियों और राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। उदयपुर के ऋषभदेव थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसी ‘पार्टी’ पर छापा मारा है, जहां राष्ट्रीय पक्षी मोर का मांस पकाया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सहित तीन लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह (Wildlife Protection Act Violation) का एक गंभीर मामला है, जिसमें सत्ता के प्रभाव और अपराध के खतरनाक गठजोड़ की बू आ रही है
नदी किनारे खेत में चल रही थी खूनी दावत की तैयारी
यह घटना रविवार देर शाम की है, जब पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि बिलख फलां गड़ावत क्षेत्र में नदी के समीप एक खेत में राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार किया गया है। थानाधिकारी हेमंत कुमार अहारी के नेतृत्व में जब पुलिस टीम ने मौके पर दबिश दी, तो वहां का नजारा भयावह था। (Illegal Peacock Hunting Party) का यह आयोजन कांग्रेस के ऋषभदेव ब्लॉक अध्यक्ष रूपलाल मीणा के खेत पर किया जा रहा था, जहां मोर का मांस पकाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी।
कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष और कुख्यात अपराधी गिरफ्तार
पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों को दबोचा है, जिनमें मुख्य आरोपी रूपलाल मीणा (ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस) के साथ उसका साथी राकेश और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अर्जुनलाल शामिल हैं। ये तीनों आरोपी मोर को मारकर उसके मांस से ‘नॉनवेज पार्टी’ करने की योजना बना रहे थे। (Political Leader Arrest in Poaching) की खबर फैलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके से मोर का अवशेष और मांस बरामद कर लिया है, जिसे साक्ष्य के तौर पर सुरक्षित रखा गया है।
वन विभाग ने की मोर के मांस की आधिकारिक पुष्टि
मामले की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय पक्षी से जुड़े होने के कारण तुरंत वन विभाग की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने प्रारंभिक जांच और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर (Forest Department Confirmation on Peacock) की पुष्टि कर दी है कि बरामद मांस राष्ट्रीय पक्षी मोर का ही है। पुलिस और वन विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है।
आरोपी अर्जुन मीणा: अपराध की दुनिया का बड़ा नाम
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल अर्जुन मीणा कोई साधारण अपराधी नहीं है, बल्कि उसके खिलाफ पुलिस थानों में अपराधों की लंबी फेहरिस्त है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अर्जुन मीणा एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर है जिस पर (History Sheeter Criminal Record) के तहत 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 16 से ज्यादा गंभीर प्रकरण राजस्थान के अलग-अलग जिलों में दर्ज हैं, जिनमें चोरी, लूट, डकैती और मारपीट जैसे संगीन जुर्म शामिल हैं।
पार्टी के लिए दी गई राष्ट्रीय पक्षी की बलि
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपी केवल अपनी स्वाद की लालसा को पूरा करने के लिए एक ‘नॉनवेज पार्टी’ करना चाहते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने (Planned Poaching of National Bird) को अंजाम दिया। खेत में बने एक बंद कमरे में वे इस खूनी दावत को अंजाम देने ही वाले थे कि पुलिस की तत्परता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान मोर का शिकार करने की बात स्वीकार कर ली है।
वन्यजीव कानूनों के तहत होगी सख्त कार्रवाई
भारत में मोर को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा प्राप्त है और इसका शिकार करना एक गैर-जमानती और गंभीर अपराध है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि शिकार के लिए किन हथियारों या साधनों का उपयोग किया गया था। (Strict Legal Action Against Hunters) के तहत आरोपियों को लंबी जेल की सजा हो सकती है। वन विभाग इस मामले को फास्ट ट्रैक पर ले जाने की तैयारी कर रहा है ताकि राष्ट्रीय पक्षी के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
राजस्थान में बढ़ती शिकार की घटनाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने राजस्थान में वन्यजीवों की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जब जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ही (Environmental and Wildlife Crime) में शामिल पाए जाते हैं, तो आम जनता के बीच क्या संदेश जाता है? उदयपुर की इस घटना के बाद स्थानीय जनता में भारी रोष है और लोग आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ उनके राजनीतिक पदों से भी उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।