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Cold Wave in India: हाड़ कंपाने वाली ठंड और घने कोहरे ने किया डबल अटैक, अस्त-व्यस्त हुआ जनजीवन 

Cold Wave in India: उत्तर भारत के विशाल मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों की चोटियों तक, कुदरत ने अपना सख्त मिजाज दिखाना शुरू कर दिया है। रविवार का दिन करोड़ों लोगों के लिए भारी मुसीबत लेकर आया, जहां एक तरफ बर्फीली हवाओं ने शरीर को सुन्न कर दिया, वहीं दूसरी तरफ (Weather Forecast) की भविष्यवाणियों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक, कोहरे की ऐसी मोटी चादर छाई है कि दिन और रात का फर्क मिटता नजर आ रहा है। मौसम विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटों तक इस भीषण सितम से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।

Cold Wave in India
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कोहरे के कारण थमी रफ्तार और शून्य हुई दृश्यता

राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में दृश्यता इतनी कम हो गई है कि वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट्स का सहारा लेना पड़ रहा है। सफदरजंग और पालम जैसे (Visibility Constraints) वाले प्रमुख केंद्रों पर शनिवार की रात से ही कोहरे का तांडव शुरू हो गया था। पालम में दृश्यता गिरकर महज 300 मीटर रह गई, जबकि कुछ इलाकों में यह घटकर 200 मीटर के खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। हवाओं की बदलती दिशा और नमी की 100 प्रतिशत मात्रा ने वातावरण को और अधिक बोझिल बना दिया है, जिससे सड़कों पर सफर करना जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।

विमान सेवाओं पर मौसम की गाज और यात्रियों की परेशानी

खराब मौसम का सबसे बुरा असर हवाई यातायात पर पड़ा है, जिससे हजारों यात्रियों का शेड्यूल पूरी तरह बिगड़ गया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर कम दृश्यता और (Flight Cancellations) के कारण अफरा-तफरी का माहौल रहा, जहां अकेले रविवार को 97 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी खराब मौसम ने उड़ानों के पहिये थाम दिए। 200 से अधिक उड़ानों में देरी की वजह से हवाई अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई, जो घंटों तक अपनी मंजिल पर पहुंचने का इंतजार करते रहे।

कश्मीर में ‘चिल्ला-ए-कलां’ का आगाज़ और बर्फबारी का सुकून

कश्मीर घाटी में 40 दिनों की सबसे कठिन शीतकालीन अवधि, जिसे स्थानीय भाषा में ‘चिल्ला-ए-कलां’ कहा जाता है, की शुरुआत हो चुकी है। इस बार (Snowfall in Kashmir) का स्वागत घाटी के लोगों ने बड़े उत्साह के साथ किया है, क्योंकि एक लंबे समय से जारी शुष्क दौर ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे दिया था। गुलमर्ग में लगभग दो इंच और साधना टॉप पर छह इंच तक बर्फ जम चुकी है। सोनमर्ग और श्रीनगर के मैदानी इलाकों में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने वातावरण को साफ किया है, जिसे स्थानीय लोग आने वाली अच्छी फसल और पर्यटन के लिए एक शुभ संकेत मान रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी कुदरत के तेवर बेहद सख्त बने हुए हैं। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे ऊंचाई वाले जिलों में (Heavy Snowfall Warning) जारी की गई है, जिससे वहां के संपर्क मार्ग कटने का खतरा बढ़ गया है। चंबा और ऊना जैसे निचले इलाकों में बारिश और घने कोहरे का दोहरा प्रहार देखने को मिल रहा है। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी है, क्योंकि ऊना और बिलासपुर जैसे क्षेत्रों में कोहरा इतना घना होने का अनुमान है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाएगा।

पंजाब और हरियाणा में बर्फीली हवाओं का टॉर्चर

मैदानी राज्यों पंजाब और हरियाणा में ठंड ने सारे रिकॉर्ड तोड़ना शुरू कर दिया है। हरियाणा का नारनौल 5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ठंडा रहा, जबकि पंजाब के गुरदासपुर में पारा 6.8 डिग्री तक लुढ़क गया। (Minimum Temperature) में आई इस भारी गिरावट ने आम लोगों को घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है। चंडीगढ़ से लेकर अमृतसर तक, सुबह के समय कोहरा इतना घना होता है कि रेल और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सिरसा, रोहतक और लुधियाना जैसे शहरों में भी ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में कोहरे का कहर और 23 दिसंबर तक का अलर्ट

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कोहरे की स्थिति जानलेवा साबित हो रही है, जहां कुछ स्थानों पर दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई है। मौसम विभाग (IMD Alert) के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में 23 दिसंबर तक रात और सुबह के समय ‘बहुत घना कोहरा’ छाए रहने की प्रबल संभावना है। सड़कों पर दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। बर्फीली पछुआ हवाओं ने राज्य के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की है, जिससे जनजीवन ठहर सा गया है।

राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का असर और बदलता मिजाज

रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तापमान में मामूली बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन रात की ठंड अब भी बरकरार है। फतेहपुर और सीकर जैसे इलाकों में (Weather Pattern) थोड़ा बदला है और पारा 9 डिग्री के आसपास बना हुआ है। हालांकि, यह राहत बहुत ही संक्षिप्त रहने वाली है क्योंकि 24 दिसंबर से उत्तरी हवाओं के दोबारा सक्रिय होने की संभावना है। इसके बाद तापमान में फिर से दो से तीन डिग्री की बड़ी गिरावट आ सकती है, जिससे राज्य के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में घना कोहरा छाने की चेतावनी दी गई है।

झारखंड में शीतलहर और ‘येलो अलर्ट’ की स्थिति

ठंड का यह सितम केवल उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि झारखंड में भी मौसम ने करवट ली है। राज्य के 15 जिलों में घने कोहरे को लेकर (Yellow Alert) जारी किया गया है। रांची, लोहरदगा और हजारीबाग जैसे जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है, जिससे वहां शीतलहर जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पलामू और चतरा जैसे इलाकों में भी ठंड का भारी असर देखा जा रहा है। मौसम विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी है क्योंकि अचानक बढ़ी इस ठंड से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

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