उत्तराखण्ड

Sports Development and Empowerment: उत्तराखंड खेल महाकुंभ ने धरा नया अवतार, मुख्यमंत्री चैंपियंस ट्रॉफी में खिलाड़ियों पर होगी धनवर्षा

Sports Development and Empowerment: उत्तराखंड की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए राज्य सरकार ने ‘खेल महाकुंभ’ को एक भव्य और नए स्वरूप में पेश करने का निर्णय लिया है। अब यह आयोजन (Chief Minister Champions Trophy) के नाम से जाना जाएगा, जिसकी औपचारिक शुरुआत 23 दिसंबर से होने जा रही है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने इस नई पहल की घोषणा करते हुए बताया कि इस बार प्रतियोगिता का दायरा और भी व्यापक होगा। इस महाकुंभ का मुख्य उद्देश्य सुदूर ग्रामीण इलाकों के युवाओं को अपनी क्षमता दिखाने का मंच प्रदान करना है, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन कर सकें।

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चार चरणों में होगा खेल प्रतिभाओं का परीक्षण

यह विशाल खेल प्रतियोगिता किसी एक केंद्र तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसे न्याय पंचायत स्तर से शुरू होकर राज्य स्तर तक (Multi Stage Tournament) के रूप में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में न्याय पंचायत स्तर पर प्रतिभागी भिड़ेंगे, जिसके बाद विधानसभा, संसदीय क्षेत्र और अंत में राज्य स्तरीय मुकाबले होंगे। कुल 26 विभिन्न खेल विधाओं को इसमें शामिल किया गया है, जिसमें पहली बार उत्तराखंड के ‘परंपरागत खेलों’ को भी विशेष स्थान दिया गया है। यह कदम राज्य की सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय खेलों को पुनर्जीवित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

विजेताओं के लिए भारी भरकम पुरस्कार राशि की घोषणा

खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए सरकार ने पुरस्कारों की झड़ी लगा दी है। राज्य स्तरीय चैंपियन को ट्रॉफी के साथ (Prize Money) के रूप में पांच लाख रुपये की नकद राशि दी जाएगी। चैंपियन का चयन मेडल तालिका में अर्जित अंकों के आधार पर होगा। इसके अलावा, सांसद ट्रॉफी जीतने वाली टीम को दो लाख और विधानसभा स्तर की विजेता टीम को एक लाख रुपये का इनाम मिलेगा। खेल मंत्री ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि यदि कोई खिलाड़ी नेशनल रिकॉर्ड तोड़ता है, तो उसे एक लाख रुपये का अतिरिक्त नकद पुरस्कार दिया जाएगा।

रजिस्ट्रेशन में युवाओं का अभूतपूर्व उत्साह

इस प्रतियोगिता के प्रति प्रदेश के युवाओं में भारी क्रेज देखा जा रहा है। 14 अक्टूबर से शुरू हुए (Online Registration Process) में अब तक एक लाख 10 हजार से अधिक खिलाड़ी अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। जो युवा अभी तक पंजीकरण नहीं करा पाए हैं, उनके लिए पोर्टल 22 दिसंबर तक खुला रहेगा। विभाग का अनुमान है कि यह संख्या डेढ़ लाख के पार जा सकती है। इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों की भागीदारी यह दर्शाती है कि उत्तराखंड में खेल संस्कृति कितनी तेजी से पनप रही है और युवा अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने के लिए तैयार हैं।

दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रबंध और समानता

समावेशी खेल भावना को बढ़ावा देते हुए, इस बार दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए (Para Sports Events) का आयोजन अलग से किया जाएगा। इसमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन और तैराकी जैसी प्रमुख स्पर्धाएं शामिल होंगी। खेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि दिव्यांग वर्ग के लिए भी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और उन्हें मुख्यधारा के खिलाड़ियों के समान ही सम्मान और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। सरकार का मानना है कि शारीरिक बाधाएं किसी की प्रतिभा को दबा नहीं सकतीं और यह ट्रॉफी उन्हें सशक्त बनाने का एक सशक्त माध्यम बनेगी।

व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश

सर्दियों के मौसम को देखते हुए खेल मंत्री रेखा आर्या ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों को (Administrative Guidelines) जारी किए हैं। उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि कोई भी खिलाड़ी बिना जूते और ट्रैकसूट के मैदान में नहीं उतरना चाहिए। सर्दी से बचाव के लिए पर्याप्त हीटर, ठहरने की उचित व्यवस्था और गुणवत्तापूर्ण भोजन सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। साथ ही, आपातकालीन चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए हर खेल स्थल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम की तैनाती अनिवार्य की गई है, ताकि खिलाड़ियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

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