NPS Withdrawal Rules: एनपीएस धारकों की हुई सुनहरी सुबह, अब रिटायरमेंट पर मिलेगा 80% नकद
NPS Withdrawal Rules: नेशनल पेंशन प्रणाली (NPS) से जुड़े करोड़ों लोगों के लिए सरकार ने खुशियों का पिटारा खोल दिया है। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एकमुश्त निकासी की सीमा को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर सीधे 80 प्रतिशत कर दिया है। इस (Retirement Fund Liquidity) बड़े बदलाव का मतलब है कि अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और स्वरोजगार करने वालों के पास रिटायरमेंट के वक्त ज्यादा नकदी होगी। यह कदम पेंशन व्यवस्था को अधिक आधुनिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
85 साल तक जारी रख सकेंगे खाता और कर्ज की सुविधा
नए संशोधनों के तहत अब खाताधारकों को लंबी अवधि तक निवेश का फायदा मिलेगा। निकासी की अधिकतम आयु सीमा 70 से बढ़ाकर 85 वर्ष कर दी गई है। इसके अलावा, एक और क्रांतिकारी बदलाव यह है कि अब आप अपने (NPS Account Loan) को गिरवी रखकर कर्ज भी ले सकेंगे। इससे उन लोगों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें अचानक किसी बड़ी जरूरत के लिए अपनी पेंशन की बचत तोड़नी पड़ती थी। अब आप बचत भी सुरक्षित रख पाएंगे और अपनी वित्तीय जरूरतों को भी पूरा कर सकेंगे।
छोटे निवेशकों के लिए विशेष राहत: 8 लाख की सीमा
पीएफआरडीए ने छोटे निवेशकों का विशेष ध्यान रखते हुए नियम बनाया है कि यदि किसी की कुल जमा राशि 8 लाख रुपये से कम है, तो वह (Lump Sum Withdrawal) का लाभ उठाते हुए पूरी रकम एक साथ निकाल सकता है। इससे उन लोगों को जटिल कागजी कार्रवाई और लंबी प्रतीक्षा से मुक्ति मिलेगी जिनकी जमा पूंजी बहुत ज्यादा नहीं है। यह लचीलापन पेंशन योजना के प्रति आम आदमी का आकर्षण और बढ़ाएगा।
आंशिक निकासी के नियमों में ढील और भविष्य की सुरक्षा
आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए आंशिक निकासी की संख्या को तीन से बढ़ाकर चार कर दिया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद भी आप तीन बार आंशिक रूप से पैसा निकाल सकेंगे, बशर्ते (Financial Security Planning) के अनुसार उनके बीच तीन साल का अंतर हो। विशेषज्ञों का मानना है कि इन बदलावों से न केवल बुढ़ापे की लाठी मजबूत होगी, बल्कि एनपीएस अब निवेश के लिए सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक बनकर उभरेगा।