VB-G RAM G bill 2025: आत्मनिर्भर गांवों से ही बनेगा विकसित भारत, जानें क्या है यह नया बिल…
VB-G RAM G bill 2025: भारतीय संसद में आज एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है जब केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VB-G RAM G बिल 2025 को पटल पर रखेंगे। इस (Legislative Procedure) के माध्यम से सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदलने की तैयारी में है। मंत्री महोदय न केवल इस विधेयक को पेश करेंगे, बल्कि इस पर सदन के सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा और विचारार्थ प्रस्ताव भी साझा करेंगे, जिसे आगामी दशकों के लिए ग्रामीण भारत का सुरक्षा चक्र माना जा रहा है।
विजन 2047 की ओर मजबूत कदम
इस प्रस्तावित कानून का मुख्य आधार प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन को साकार करना है। सरकार का मानना है कि (National Development Framework) तब तक अधूरा है, जब तक गांवों में रहने वाली आबादी को आर्थिक रूप से सशक्त न बनाया जाए। यह विधेयक महज एक योजना नहीं, बल्कि एक नया ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करने की दिशा में ठोस कानूनी पहल है, जो आने वाले समय में देश के संतुलित विकास की नींव रखने का काम करेगा।
125 दिनों के सुनिश्चित रोजगार की गारंटी
इस बिल की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण विशेषता वह वैधानिक वादा है, जो सीधे तौर पर ग्रामीण परिवारों से जुड़ा है। विधेयक के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को, जो अकुशल श्रम करने की इच्छा रखते हैं, हर वित्तीय वर्ष में कम से कम 125 दिनों के (Guaranteed Wage Employment) का अधिकार दिया गया है। यह प्रावधान न केवल गांवों से होने वाले पलायन को रोकेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय शक्ति बढ़ाकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में भी सहायक होगा।
सशक्तिकरण और समावेशी विकास का लक्ष्य
VB-G RAM G बिल केवल मजदूरी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत का सर्वांगीण सशक्तिकरण करना है। (Inclusive Growth) के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, इस कानून के जरिए समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसका लक्ष्य ग्रामीण समुदायों के भीतर एक ऐसी ऊर्जा पैदा करना है जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक बिना किसी भेदभाव के पहुंच सके।
योजनाओं के समन्वय से आएगा बड़ा बदलाव
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग योजनाओं के बीच तालमेल की कमी देखी जाती है, जिससे संसाधनों की बर्बादी होती है। यह नया विधेयक (Integrated Scheme Coordination) को प्राथमिकता देता है, ताकि ग्रामीण आजीविका से जुड़ी सभी योजनाओं को एक मंच पर लाया जा सके। जब विभिन्न मिशन और विकास कार्य एक दिशा में काम करेंगे, तो गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास और अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से हो सकेगा।
समृद्ध और लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण
सरकार का दूरगामी लक्ष्य एक ऐसे ग्रामीण भारत की रचना करना है जो किसी भी संकट के सामने लचीला (Resilient Rural Economy) बना रहे। जलवायु परिवर्तन या वैश्विक आर्थिक मंदी जैसे झटकों के बीच भी ग्रामीण आजीविका सुरक्षित रहे, इसी सोच के साथ इस बिल को डिजाइन किया गया है। आजीविका के विविध विकल्पों और सहायक प्रावधानों के जुड़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो एक समृद्ध राष्ट्र की पहचान बनेंगे।
रोजगार के साथ कौशल विकास पर जोर
इस विधेयक के माध्यम से रोजगार के अतिरिक्त अन्य प्रासंगिक और सहायक प्रावधानों को भी कानून का हिस्सा बनाया गया है। यह पहल (Livelihood Support Systems) को मजबूती प्रदान करेगी, जिससे ग्रामीण युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके। कृषि मंत्री का यह बिल ग्रामीण भारत की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए एक ‘गेम-चेंजर’ साबित हो सकता है, जो आने वाली पीढ़ियों के जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार लाने का वादा करता है।