Delhi Air Pollution Crisis video: दम घोंटती जहरीली धुंध और शून्य दृश्यता, क्या अब रहने लायक नहीं बचा दिल्ली-NCR…
Delhi Air Pollution Crisis: दिल्ली और उससे सटे इलाकों में रहने वालों के लिए आज की सुबह किसी डरावने सपने से कम नहीं थी। गिरते हुए पारे और बढ़ते हुए (Delhi AQI levels) जहरीले धुंध ने मिलकर पूरी राजधानी को एक सफेद चादर में लपेट दिया है। यह चादर सुकून देने वाली ओस की नहीं, बल्कि फेफड़ों को छलनी कर देने वाले स्मॉग की है। मौसम विभाग के आंकड़े गवाह हैं कि रात भर में जिस तरह तापमान गिरा है, उसने प्रदूषण के कणों को जमीन के करीब लाकर लोगों का दम घोंटना शुरू कर दिया है।

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जब हवा ही बन जाए दुश्मन
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की रिपोर्ट बताती है कि वायु गुणवत्ता अब ‘गंभीर’ श्रेणी को भी पार कर चुकी है। कई इलाकों में (air quality index) का आंकड़ा 450 के पार जाना इस बात का सबूत है कि हम एक गैस चैंबर में तब्दील हो चुके शहर में सांस ले रहे हैं। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि उन लाखों बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर सीधा हमला है जो इस जहरीली हवा में अपनी सांसें ढूंढ रहे हैं।
कोहरे और धुएं का खतरनाक घेरा
सुबह उठते ही सड़कों पर जो नजारा दिखा, उसने लोगों के मन में डर पैदा कर दिया। सड़कों पर कम दृश्यता और (dense fog alert) के कारण गाड़ियां रेंगती नजर आईं। यह कोहरा इतना घना था कि चंद मीटर की दूरी पर खड़ा व्यक्ति भी दिखाई नहीं दे रहा था। इस धुंध ने न केवल लोगों की सेहत पर असर डाला है, बल्कि उनकी दैनिक दिनचर्या को भी पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
प्रशासन की चेतावनी और येलो अलर्ट
बिगड़ते हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने अब (weather forecast updates) के जरिए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। दिल्ली-NCR के कई हिस्सों में ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है, जिसका सीधा मतलब है कि आने वाले कुछ दिन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। खासकर सुबह के समय सड़कों पर निकलना जान जोखिम में डालने जैसा है क्योंकि विजिबिलिटी का स्तर खतरनाक रूप से गिर चुका है।
सोशल मीडिया पर वायरल होता खौफ
आजकल लोग अपनी आपबीती सोशल मीडिया के जरिए दुनिया के सामने रख रहे हैं। इंस्टाग्राम पर साझा किए गए (viral smog videos) में दिल्ली और नोएडा की ऊंची इमारतों से लिया गया नजारा बिल्कुल किसी हॉरर फिल्म जैसा लग रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या यह सिर्फ कोहरा है या बढ़ता हुआ प्रदूषण, जो अब इमारतों को भी अपनी चपेट में ले चुका है।
शून्य दृश्यता और सड़कों का संघर्ष
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हाईवे से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे वाकई विचलित करने वाली हैं। ऊंची सोसायटियों से जब लोग (road visibility conditions) को कैमरे में कैद कर रहे थे, तो जमीन पर सिर्फ सफेद अंधेरा नजर आ रहा था। सड़कों पर लाइटें जल रही थीं, लेकिन धुंध इतनी गहरी थी कि रोशनी भी उस पार नहीं जा पा रही थी, जिससे ड्राइवर पूरी तरह दिशाहीन महसूस कर रहे थे।
हवाई सफर और यात्रियों की बढ़ती मुसीबतें
इस धुंध का सीधा असर दिल्ली एयरपोर्ट के ऑपरेशंस पर भी पड़ा है। उड़ान भरने और उतरने वाले विमानों के लिए (flight delay warnings) जारी की गई हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने साफ किया है कि घने कोहरे के कारण शेड्यूल में बड़े बदलाव हो सकते हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे घर से निकलने से पहले अपनी एयरलाइन से संपर्क जरूर करें ताकि उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े।
एक्सप्रेसवे पर टकराती गाड़ियां और तबाही
सड़कों पर दृश्यता कम होने का नतीजा हादसों के रूप में सामने आ रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से (highway road accidents) का एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसमें गाड़ियां एक के बाद एक आपस में टकराती दिख रही हैं। यह मंजर चीख-पुकार और अफरा-तफरी से भरा था, जो हमें याद दिलाता है कि घने कोहरे में जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
क्या है बचाव का रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति में घर के अंदर रहना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है। जब (respiratory health risks) इतने ज्यादा हों, तो बाहर निकलकर एक्सरसाइज करना या टहलना फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। मास्क का उपयोग अब फैशन नहीं बल्कि मजबूरी बन चुका है, क्योंकि यह जहरीली हवा हर बीतते मिनट के साथ हमारे शरीर को अंदर से खोखला कर रही है।
एक सामूहिक जिम्मेदारी का वक्त
दिल्ली-NCR का यह संकट सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक अलार्म है हम सबके लिए। हमें (environmental safety measures) के बारे में गंभीरता से सोचना होगा। अगर आज हम नहीं जागे और प्रदूषण के इन कारणों पर लगाम नहीं लगाई, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए ‘स्वच्छ हवा’ सिर्फ किताबों की बातें बनकर रह जाएगी।



