बिहार

BJP National President: बीजेपी की सियासत में आया नया मोड़, क्या कार्यकारी अध्यक्ष से तय होगा पार्टी का भविष्य…

BJP National President: भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चल रहा इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन संगठन ने एक अहम अंतरिम कदम जरूर उठा लिया है। बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति को संगठनात्मक स्थिरता से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि जब तक (BJP leadership transition) की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक पार्टी को एक मजबूत संचालन व्यवस्था की जरूरत थी। नितिन नबीन ने इस जिम्मेदारी के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है, वहीं पार्टी के भीतर इसे एक सोचा-समझा राजनीतिक फैसला माना जा रहा है।

BJP National President
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जेपी नड्डा मॉडल की पुनरावृत्ति

बीजेपी के राजनीतिक इतिहास पर नजर डालें तो यह पहला मौका नहीं है जब कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था अपनाई गई हो। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद जेपी नड्डा को भी इसी तरह कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय संगठन को चुनावी थकान से निकालकर नई दिशा देने की चुनौती थी। ठीक उसी तरह, मौजूदा हालात में (organizational continuity) बनाए रखने के लिए नितिन नबीन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जनवरी 2020 में जेपी नड्डा को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका भविष्य की बड़ी घोषणा का आधार बन सकती है।


प्रधानमंत्री मोदी का संदेश और राजनीतिक संकेत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर नितिन नबीन की प्रशंसा करते हुए उन्हें कर्मठ, युवा और अनुभवी नेता बताया। उन्होंने कहा कि नितिन नबीन ने विधायक और मंत्री के रूप में जनआकांक्षाओं को पूरी निष्ठा से पूरा किया है। इस संदेश को केवल औपचारिक बधाई नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे (party leadership support) के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री का सार्वजनिक समर्थन अक्सर संगठन के भीतर संदेश देने का माध्यम भी होता है, जिससे इस नियुक्ति का राजनीतिक महत्व और बढ़ जाता है।


क्या नितिन नबीन ही होंगे अगले अध्यक्ष?

नितिन नबीन की नियुक्ति के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या वे मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा की जगह लेने जा रहे हैं। पार्टी ने अभी इस पर कोई आधिकारिक संकेत नहीं दिया है। जब तक नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा नहीं होती, तब तक (next BJP president) को लेकर अटकलें बनी रहेंगी। हालांकि, कार्यकारी अध्यक्ष का पद अक्सर संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है कि वही नेता आगे चलकर स्थायी अध्यक्ष बने।


राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की संवैधानिक हैसियत

बीजेपी के संविधान में ‘राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष’ पद का स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता। लेकिन संविधान में अध्यक्ष पद के रिक्त होने की स्थिति में एक अंतरिम व्यवस्था का प्रावधान जरूर है। इसी के तहत संसदीय बोर्ड तदर्थ नियुक्ति कर सकता है। इस दृष्टि से नितिन नबीन की नियुक्ति (interim party arrangement) के रूप में देखी जानी चाहिए। इसका मकसद संगठनात्मक कामकाज को बिना बाधा जारी रखना है, न कि स्थायी नेतृत्व परिवर्तन की तुरंत घोषणा करना।


चुनावी मजबूरियों में बढ़ा अध्यक्ष का कार्यकाल

जेपी नड्डा का कार्यकाल औपचारिक रूप से तीन साल का था, लेकिन 2023 और 2024 के लगातार चुनावों के कारण उन्हें विस्तार देना पड़ा। जब एक के बाद एक राज्यों में विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव हों, तब संगठन में नेतृत्व परिवर्तन जोखिमभरा माना जाता है। ऐसे समय में (election management strategy) के तहत स्थिर नेतृत्व को प्राथमिकता दी जाती है। यही वजह है कि अब पश्चिम बंगाल समेत कई अहम चुनावों से पहले कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था अपनाई गई है।


राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया

बीजेपी के संविधान की धारा-19 में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की विस्तृत प्रक्रिया बताई गई है। यह चुनाव निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, प्रदेश परिषदों से चुने गए प्रतिनिधि और सांसद शामिल होते हैं। उम्मीदवार के लिए लंबे समय तक सक्रिय सदस्य रहना अनिवार्य है। यह पूरी प्रक्रिया (BJP constitution rules) के तहत होती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि अध्यक्ष संगठनात्मक अनुभव और राजनीतिक परिपक्वता दोनों रखता हो।


जेपी नड्डा की मौजूदा स्थिति स्पष्ट

संविधान के अनुसार, जब तक मौजूदा अध्यक्ष औपचारिक रूप से नए अध्यक्ष को कार्यभार नहीं सौंप देता, तब तक वही अध्यक्ष बना रहता है। नितिन नबीन ने जेपी नड्डा से कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, बल्कि वे अंतरिम तौर पर काम कर रहे हैं। इसलिए, मौजूदा स्थिति में (current BJP president) जेपी नड्डा ही हैं। नितिन नबीन की भूमिका संगठन को संभालने और भविष्य की तैयारी तक सीमित मानी जा रही है।


अंतरिम व्यवस्था से भविष्य की राजनीति

नितिन नबीन अब नए अध्यक्ष के चुने जाने तक राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में काम करते रहेंगे। यह व्यवस्था यह भी संकेत देती है कि पार्टी नेतृत्व बदलाव को लेकर बेहद सतर्क है। आने वाले समय में संभव है कि नितिन नबीन ही स्थायी अध्यक्ष बनें, लेकिन फिलहाल यह केवल संभावना है। इस पूरी प्रक्रिया में (future BJP leadership) को लेकर पार्टी संतुलन और रणनीति दोनों साधने की कोशिश कर रही है।

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