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Sugar Free Gajar Halwa: अब बिना डर के चखें सर्दियों की मिठास, बिना चीनी और गुड के बनाएं गाजर का हलवा

Sugar Free Gajar Halwa: ठंड का मौसम आते ही हर घर की रसोई में गाजर का हलवा बनने लगता है। बाजार में ताजे लाल गाजर दिखते ही मन अपने आप इस पारंपरिक मिठाई की ओर खिंच जाता है। मेहमानों की थाली हो या परिवार की शाम की चाय, गाजर का हलवा हर मौके पर खास माना जाता है। लेकिन जिन घरों में डायबिटीज के मरीज होते हैं, वहां यही मिठास परेशानी का कारण बन जाती है। चीनी और गुड़ की वजह से कई लोग इस स्वाद से दूर रह जाते हैं, जबकि दिल अब भी उसी खुशबू को चाहता है। ऐसे में (diabetes friendly dessert) की तलाश हर सर्दी में और तेज हो जाती है।

Sugar Free Gajar Halwa
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बिना चीनी का हलवा: स्वाद से समझौता नहीं

अक्सर यह माना जाता है कि बिना चीनी या शक्कर के कोई भी मिठाई फीकी होगी, लेकिन यह धारणा पूरी तरह गलत है। सही सामग्री और संतुलित तकनीक से बनाया गया गाजर का हलवा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी सुरक्षित रहता है। इस रेसिपी में मिठास का स्रोत प्राकृतिक है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाए बिना स्वाद का आनंद देता है। खास बात यह है कि यह हलवा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए उपयुक्त है और (sugar free halwa) का सही उदाहरण बन जाता है।


पहला कदम: गाजर की सही तैयारी है सबसे जरूरी

इस रेसिपी की शुरुआत बिल्कुल पारंपरिक तरीके से होती है। सबसे पहले ताजे गाजर को अच्छी तरह धोकर छील लिया जाता है और फिर उन्हें मोटे टुकड़ों में काटा जाता है। गाजर जितने ताजे होंगे, हलवे का स्वाद उतना ही बेहतर आएगा। कटे हुए गाजर को कुकर में डालकर उसमें आधा कप दूध मिलाया जाता है और 5 से 6 सीटी तक पकाया जाता है। इसी दौरान पनीर को कद्दूकस कर लेना समझदारी होती है, ताकि आगे का काम आसान रहे। यह शुरुआती प्रक्रिया (healthy carrot dessert) की नींव तैयार करती है।


कुकर से कढ़ाई तक: स्वाद को गहराई देने का स्टेप

जब कुकर की सीटी निकल जाए, तो गाजर को अच्छे से मैश कर लिया जाता है। इसके बाद एक भारी कढ़ाई में इस मैश किए हुए मिश्रण को डालकर तेज आंच पर पकाया जाता है। मकसद सिर्फ पानी सुखाना नहीं, बल्कि गाजर के प्राकृतिक स्वाद को उभारना भी होता है। इसी दौरान बादाम या काजू को पीसकर तैयार कर लिया जाता है। यह स्टेप हलवे को गाढ़ापन और पौष्टिकता दोनों देता है, जिससे यह (homemade halwa recipe) और भी खास बन जाता है।


ड्राय फ्रूट्स और पनीर से बढ़ता है पोषण

जब गाजर का पानी पूरी तरह सूख जाए, तब उसमें पिसे हुए बादाम या काजू डालकर 5 से 7 मिनट तक भूनना जरूरी होता है। इसके बाद कद्दूकस किया हुआ पनीर और मिल्क पाउडर मिलाया जाता है। यह मिश्रण हलवे को क्रीमी टेक्सचर देता है और बिना किसी अतिरिक्त मिठास के भी स्वाद को संतुलित रखता है। पनीर और ड्राय फ्रूट्स का यह मेल (high protein dessert) को न सिर्फ स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि शरीर के लिए फायदेमंद भी साबित होता है।


चुकंदर और किशमिश से आती है प्राकृतिक मिठास

इस रेसिपी का सबसे अनोखा हिस्सा है चुकंदर और किशमिश का इस्तेमाल। मिक्सर में एक छोटा टुकड़ा चुकंदर, आधा कप किशमिश और घी डालकर बारीक पीस लिया जाता है। चुकंदर हलवे को आकर्षक रंग देता है, जबकि किशमिश उसकी प्राकृतिक मिठास का काम करती है। इस पेस्ट के जरिए बिना चीनी के भी हलवा स्वाद में किसी पारंपरिक मिठाई से कम नहीं लगता। यही कारण है कि यह तरीका (natural sweeteners dessert) के तौर पर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।


अंतिम पकाव: जब हलवा बनता है परफेक्ट

तैयार पेस्ट को गाजर के मिश्रण में डालकर करीब 15 मिनट तक पकाया जाता है। इस दौरान हलवे को लगातार चलाना जरूरी होता है, ताकि सभी फ्लेवर एकसार हो जाएं। जब घी ऊपर दिखने लगे और खुशबू रसोई में फैल जाए, तब समझ लें कि हलवा तैयार है। गैस बंद कर हलवे को हल्के ड्राय फ्रूट्स से गार्निश किया जा सकता है। यह अंतिम स्टेप (winter special dessert) को परफेक्ट फिनिश देता है।


डायबिटीज में भी बेफिक्र होकर लें स्वाद का मजा

यह बिना चीनी वाला गाजर का हलवा उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, जो मीठा खाना चाहते हैं लेकिन सेहत से समझौता नहीं कर सकते। प्राकृतिक मिठास, प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर यह रेसिपी सर्दियों में शरीर को ऊर्जा भी देती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसका स्वाद इतना संतुलित होता है कि इसे खाने के बाद चीनी की कमी महसूस ही नहीं होती। यही वजह है कि यह हलवा (diabetic friendly sweet) के रूप में हर घर में जगह बना सकता है।

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