Purnia Police Corruption Case: वसूली पड़ी भारी! मछली लदे ट्रकों से उगाही करते ASI को किया गया गिरफ्तार
Purnia Police Corruption Case: पूर्णिया में मछली लदे वाहनों के चालकों से जबरन वसूली (police corruption) के आरोपों के चलते एसपी स्वीटी सहरावत ने डंगराहा ओपी के एएसआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। वायरल वीडियो की जांच के बाद एएसआई को निलंबित कर गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण में लापरवाही बरतने के आरोप में डंगराहा ओपी प्रभारी को भी निलंबित किया गया।

एक पुलिसकर्मी मछली लदे वाहनों को रोकते हुए चालकों से बहस करता नजर आया। पुलिसकर्मी ने उत्तेजना में आकर एक चालक पर टॉर्च से हमला किया। इस घटना के बाद चालक और आसपास के लोग आक्रोशित हो गए और पुलिसकर्मी को खदेड़ दिया गया। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई।
जांच में सामने आया एएसआई की पहचान
एसपी ने मामले का संज्ञान लेते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बायसी को जांच का आदेश दिया। जांच में पाया गया कि विवादित पुलिसकर्मी डंगराहा ओपी में तैनात सअनि रामदेव कुमार सिंह थे। रिपोर्ट में बताया गया कि 9 और 10 दिसंबर की रात को उन्होंने मछली लदे वाहनों के चालकों से भयादोहन कर पैसे की मांग की, जिसे चालकों ने विरोध किया।
पुलिस की छवि धूमिल करने वाली करतूत
एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि सअनि रामदेव कुमार सिंह की भूमिका प्रथम दृष्टया अनुशासनहीन, कर्तव्यहीन और उद्दंड पाई गई। साथ ही, उनका व्यवहार (police misconduct) आम जनता के बीच पुलिस की छवि धूमिल करने वाला था। इन्हें तत्काल निलंबित कर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
डंगराहा ओपी प्रभारी पर भी कार्रवाई
डंगराहा ओपी प्रभारी पुअनि अमित कुमार को भी अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने और लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। एसपी ने स्पष्ट किया कि पूर्णिया पुलिस किसी भी रूप में भ्रष्टाचार (corruption in police) बर्दाश्त नहीं करेगी। दोषी पाए जाने पर कठोर विभागीय और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
चालकों की प्रतिक्रिया और स्थानीय नाराजगी
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय चालकों और व्यापारियों में गहरा आक्रोश देखा गया। मछली वाहनों के चालकों ने बताया कि वसूली का यह मामला पहले भी सामने आता रहा है। इस घटना के बाद पुलिसकर्मी को खदेड़ने और विरोध जताने का यह कदम आम लोगों में न्याय की उम्मीद जगा गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि (public outrage) भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के खिलाफ कितनी गहरी नाराजगी है।
सोशल मीडिया का असर और तेजी से कार्रवाई
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने मामले को व्यापक रूप दिया। एसपी ने तुरंत जांच का आदेश दिया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की। सोशल मीडिया की सक्रियता ने पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह घटना यह दर्शाती है कि (social media influence) भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता की खबरों को सार्वजनिक करने में कितना असर रखता है।
पूर्णिया पुलिस की सख्त चेतावनी
एसपी स्वीटी सहरावत ने सभी पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी कि कोई भी भ्रष्टाचार, वसूली या अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधीनस्थों को अपने कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा, जनता के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार बनाए रखना (police accountability) पूरी तरह से अनिवार्य है।
भविष्य में निगरानी और सुधार की पहल
इस घटना के बाद पूर्णिया पुलिस ने अपने निरीक्षण और निगरानी तंत्र को मजबूत करने की योजना बनाई है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी टीमों में अनुशासन बनाए रखें और किसी भी प्रकार की वसूली या भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें। यह कदम (law enforcement reforms) भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए अहम साबित होगा।



