Personalized Ads Tracking: क्यों दिखते हैं एक जैसे विज्ञापन, जानें वह वजह जिसके कारण सर्च करने के बाद आते हैं टारगेटेड एड्स…
Personalized Ads Tracking: जब आप इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं या सोशल मीडिया स्क्रॉल करते हैं, तब आपको अक्सर वही Ads बार-बार दिखने लगते हैं जिन्हें आप खरीदने की सोच रहे होते हैं (online-ads)। यह कोई संयोग नहीं बल्कि डिजिटल मार्केटिंग की एक खास रणनीति है जो आपके ऑनलाइन व्यवहार के आधार पर विज्ञापन दिखाती है।

मार्केटिंग की चालें जो आपको टारगेट करती हैं
सोशल मीडिया कंपनियाँ आपकी पसंद और ऑनलाइन एक्टिविटी को समझकर आपको वही Ads दिखाती हैं जिनमें आप रुचि रखते हैं (digital-marketing)। ब्रांड्स का उद्देश्य यही होता है कि उनका प्रोडक्ट बार-बार आपकी नजरों के सामने आए ताकि वह आपके दिमाग में बना रहे। यही वजह है कि रंग-बिरंगे और आकर्षक Ads आपके ध्यान को खींच लेते हैं और आपको खरीदारी के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
Cookies कैसे ट्रैक करती हैं आपकी हर हरकत?
जब भी आप किसी चीज में दिलचस्पी दिखाते हैं या Google पर कुछ खोजते हैं, तो वह जानकारी इंटरनेट में Cookies के रूप में सेव हो जाती है (browser-cookies)। Cookies यह रिकॉर्ड रखती हैं कि आपने क्या सर्च किया, किस वेबसाइट पर गए और क्या पसंद किया। इसी डेटा के आधार पर आपको लगातार वही Ads दिखाए जाते हैं जो आपकी खोज से संबंधित होते हैं।
डेटा शेयरिंग: एक नेटवर्क, कई प्लेटफॉर्म
Google, Meta, Instagram और कई अन्य ऐप्स एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा होते हैं (data-sharing)। कई बार आपका डेटा इन प्लेटफॉर्म्स के बीच शेयर हो जाता है। ऐसे में यदि आप Google पर कुछ सर्च करते हैं, तो वही Ads आपको Instagram, YouTube या Facebook पर बार-बार दिखने लगते हैं।
ऐप्स का कनेक्शन और आपकी डिजिटल पसंद
आजकल अधिकतर ऐप्स बैकग्राउंड में आपकी पसंद-नापसंद रिकॉर्ड करते रहते हैं (user-behavior)। वे यह देखते हैं कि आप किस उत्पाद पर ज़्यादा समय बिताते हैं, किस चीज़ की कीमत देखते हैं और किन कैटेगरी के सामान में रुचि रखते हैं। यह डेटा मिलकर आपकी खरीदारी की आदतों का एक पूरा पैटर्न तैयार करता है, जिसके आधार पर आपको Ads दिखाए जाते हैं।
क्यों दिखते हैं अनजान Ads?
कभी-कभी आपको ऐसे Ads भी दिख जाते हैं जिनकी खोज आपने की ही नहीं होती (random-ads)। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विज्ञापन कंपनियाँ आपके Like, Follow, Location, Interest और Similar User Profiles को देखकर अनुमान लगाती हैं कि आप किस चीज़ में रुचि ले सकते हैं।
डेटा का यह खेल आपके लिए कितना सुरक्षित?
डिजिटल दुनिया में जहाँ सुविधा है, वहीं डेटा का इस्तेमाल समझदारी से करना ज़रूरी है (privacy-awareness)।
आप चाहे तो कुछ Browsing Settings बदलकर Personalized Ads की संख्या कम कर सकते हैं, लेकिन उन्हें पूरी तरह रोक पाना मुश्किल होता है।
निष्कर्ष: आपके क्लिक बन जाते हैं विज्ञापन का आधार
संक्षेप में, आपकी हर खोज, हर क्लिक और हर पसंद डिजिटल दुनिया में डेटा बनकर सुरक्षित हो जाती है (ad-targeting)। यही डेटा बार-बार आपको Ads के रूप में लौटकर दिखता है। यह पूरी प्रक्रिया विज्ञापन कंपनियों को बताती है कि आपको क्या पसंद है और वे उसी के अनुसार आपको Ads दिखाती रहती है



