Bihar Elections 2025: तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी की ‘कड़वी’ टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जनता की ताकत से चुना जाता है, धमकी से नहीं।
Bihar Elections 2025: के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, राजनीतिक पारा अपने चरम पर पहुँच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरा की एक रैली में यह दावा करके हलचल मचा दी कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कांग्रेस की कनपटी पर बंदूक तान दी है और तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जवाब में, तेजस्वी यादव ने न केवल इस आरोप को सिरे से खारिज किया, बल्कि प्रधानमंत्री के “बंदूक” वाले बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा, “जैसी जिसकी भावनाएँ, वैसी उसकी सोच।”

मोदी के “बंदूक” वाले बयान से राजनीति गरमा गई
आरा की रैली में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए एक विकसित बिहार के लिए मिलकर काम कर रहा है, जबकि कांग्रेस और राजद में अंदरूनी कलह चल रही है। उन्होंने कहा, “नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले बंद दरवाजों के पीछे गुंडागर्दी(hooliganism)चल रही थी। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि राजद मुख्यमंत्री बने, लेकिन राजद ने कांग्रेस की कनपटी पर बंदूक तान दी है और तेजस्वी को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।”
महागठबंधन (Grand Alliance( पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव से पहले ही उनकी अंदरूनी लड़ाई शुरू हो गई है। मोदी ने इसे “जंगल राज की वापसी” का संकेत बताया और कहा कि राजद का शासन “बंदूक, क्रूरता, कटुता, बुरे व्यवहार, कुशासन और भ्रष्टाचार” से परिभाषित होता है।
तेजस्वी का पलटवार: “हमने बंदूकों के दम पर नहीं, बल्कि जनता के बल पर लड़ाई लड़ी।”
पटना हवाई अड्डे से चुनाव प्रचार के लिए रवाना होते हुए तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया (sharp reaction) दी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जब बिहार आते हैं तो बंदूकों की बात करते हैं; जब गुजरात आते हैं तो कारखानों की बात करते हैं। यह उनकी सोच को दर्शाता है। जैसे किसी की भावनाएँ होती हैं, वैसी ही उसकी भाषा भी होती है।”
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा अच्छी तरह जानती है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, इसलिए वे अब भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता महागठबंधन के साथ है और बदलाव “बंदूक की नोक” (gun point)से नहीं, बल्कि जनता के वोटों की ताकत से आएगा।
कांग्रेस ने कहा, “प्रधानमंत्री का बयान झूठा और भ्रामक है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रधानमंत्री के आरोपों का जवाब देने में अगुवाई की। एक निजी चैनल से बात करते हुए, खड़गे ने कहा, “प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं वह झूठ है। किसी को बंदूक की नोक पर मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं किया।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास कहने के लिए कुछ नहीं बचा है, इसलिए वह कहानियाँ गढ़ रहे हैं। खड़गे ने कहा कि वह बिहार की रैलियों में सार्वजनिक रूप से इसका जवाब देंगे।
बिहार में “चेहरों की लड़ाई” और राजनीतिक प्रतीकों की
तेजस्वी यादव के “कट्टा” वाले बयान पर प्रतिक्रिया सिर्फ़ एक प्रतिक्रिया नहीं है; यह बिहार की उस राजनीतिक परंपरा का भी प्रतिबिंब है जहाँ शब्द और प्रतीक सीधे जनता की संवेदनाओं को छूते हैं। जहाँ प्रधानमंत्री मोदी “जंगल राज” की यादें ताज़ा करके भय और अस्थिरता का प्रतीक बना रहे हैं, वहीं तेजस्वी खुद को “जनता का चेहरा” बताकर भावनात्मक लगाव की राजनीति कर रहे हैं।
निर्वाचन क्षेत्र में यह संघर्ष केवल विचारों की लड़ाई नहीं बल्कि मौखिक हथियारों की लड़ाई बन गया है – एक तरफ, “कट्टा” एक राजनीतिक रूपक बन गया है, जबकि दूसरी तरफ, “जनता की शक्ति” तेजस्वी की नई ढाल बन रही है।



