Amitabh Thakur Arrest: अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी का राज खुला, आखिर क्यों बार-बार जेल जा रहे हैं पूर्व IPS…
Amitabh Thakur Arrest: रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और आज़ाद सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री में जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है (Arrest Case)। मंगलवार रात उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया, जिसके बाद पूरे प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई।

ट्रेन से उतारकर किया गया गिरफ्तार, इलाके में फैली सनसनी
मंगलवार देर रात लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने शाहजहांपुर पुलिस को संदेश भेजा, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने न्यू दिल्ली–लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से अमिताभ ठाकुर को महोली स्टेशन पर नीचे उतारा (Investigation)। इसके बाद उन्हें लखनऊ क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया गया और पूछताछ के लिए देवरिया ले जाया गया।
पत्नी नूतन का दावा—सादा कपड़ों में लोग ले गए, कोई जानकारी नहीं दी
इस घटनाक्रम के तुरंत बाद उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर मदद मांगी। उन्होंने लिखा कि कुछ लोग सादा कपड़ों में उनके पति को ट्रेन से उतारकर ले गए हैं और कोई जानकारी नहीं दे रहा (Social Media)। बाद में बुधवार सुबह 10 बजे पुलिस ने फोन कर आधिकारिक गिरफ्तारी की पुष्टि की।
कफ सीरप की अवैध सप्लाई को लेकर लगातार मुखर थे अमिताभ
गिरफ्तारी से पहले अमिताभ ठाकुर कफ सीरप की अवैध सप्लाई और उसके कथित संरक्षण को लेकर लगातार आवाज़ उठा रहे थे (Controversy)। उन्होंने पूर्वांचल के एक बाहुबली सांसद और कुछ अधिकारियों पर आरोपियों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए थे।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र ने बढ़ाई थी हलचल
6 दिसंबर को उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कफ सीरप मामले में आरोपित विकास सिंह विक्की की अधिकारियों से करीबी संबंधों की जांच की मांग की थी (Political Pressure)। उनके इस पत्र के बाद भी प्रदेश में इस मुद्दे पर खासा माहौल बना था।
1999 से जुड़ा है प्लॉट आवंटन का विवाद
यह मुकदमा लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी संजय शर्मा की शिकायत पर दर्ज हुआ था। आरोप है कि वर्ष 1999 में देवरिया में एसपी रहते हुए अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी नूतन के नाम पर जिला उद्योग केंद्र से प्लॉट संख्या बी–2 का आवंटन कराया था (Land Dispute)।
नूतन देवी बनाकर किए गए कागज़ जालसाज़ी के आरोप
शिकायतकर्ता का कहना है कि आवंटन के लिए नूतन ठाकुर को नूतन देवी दिखाया गया। पति का नाम अभिताप ठाकुर और पता बिहार के सीतामढ़ी जिले का दर्ज कराया गया (Forgery)। आरोप है कि आवेदन पत्र, शपथपत्र, ट्रेजरी चालान और अन्य दस्तावेज कूटरचित बनवाकर प्लॉट आवंटन कराया गया।
नाम-पता सही कराने के बाद प्लॉट बेचने का आरोप
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि बाद में नाम और पता सही कराया गया, फिर प्लॉट बेचकर आर्थिक लाभ कमाया गया (Fraud)। इसी प्रक्रिया को सरकारी विभागों को गुमराह कर लंबे समय तक फायदा उठाने की रणनीति बताया गया है।
एसआईटी ने देवरिया और बिहार में जुटाए साक्ष्य
इस प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी ने देवरिया और बिहार में जाकर कई दस्तावेज जुटाए तथा गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए (Evidence)। इसके बाद जांच टीम ने गिरफ्तारी की रूपरेखा तैयार की और मंगलवार की रात कार्रवाई को अंजाम दिया।
गिरफ्तारी के दौरान हुआ विरोध—ट्रेन में सो रहे थे अमिताभ
शाहजहांपुर के एसपी राजेश द्विवेदी के अनुसार, पुलिस रात 1:52 बजे ट्रेन के एम-3 कोच में पहुंची और सीट संख्या 49 पर सो रहे अमिताभ ठाकुर को जगाया (Operation)। उन्हें मुकदमे की जानकारी देकर ट्रेन से उतारा गया, जिस पर उन्होंने विरोध जताया, लेकिन बाद में शांत कर प्लेटफॉर्म पर लाया गया।
महोली से क्राइम ब्रांच ने लिया कब्ज़े में
अमिताभ को ट्रेन से उतारने के बाद पुलिस ने उन्हें सीतापुर के महोली में लखनऊ क्राइम ब्रांच को सौंप दिया (Crime Branch)। बुधवार को उन्हें देवरिया ले जाया गया, जहां कोतवाली में दो घंटे पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया गया।
नूतन का दावा—वर्ष 2000 में ही प्लॉट सरेंडर कर चुकी हूं
बुधवार सुबह नूतन ठाकुर ने कहा कि जिस प्लॉट को कार्रवाई का आधार बताया जा रहा है, उसे उन्होंने वर्ष 2000 में ही सरेंडर कर दिया था (Statement)। उन्होंने गिरफ्तारी की प्रक्रिया और समय पर सूचना न मिलने पर नाराज़गी भी जताई।
2021 में भी हुआ था बड़ा विवाद—अमिताभ पहले भी गिरफ्तार
अमिताभ ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है। अगस्त 2021 में उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था जब एक युवती और उसके साथी ने पूर्व सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह कर लिया था (Past Record)। आरोप था कि अमिताभ ने उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद भी सुर्खियों में रहे
मार्च 2021 में उन्हें पुलिस सेवा से अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई थी। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया था (Retirement)। तब से वे लगातार प्रशासनिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद कई सवाल—क्या कार्रवाई कफ सीरप मामले की प्रतिक्रिया?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जालसाज़ी के इस पुराने केस में अचानक हुई गिरफ्तारी कई सवाल खड़े करती है (Analysis)। खासकर तब जब वे कफ सीरप की अवैध सप्लाई पर लगातार गंभीर आरोप लगा रहे थे। हालांकि पुलिस इसे पूरी तरह कानूनी कार्रवाई बता रही है।



