इम्तियाज अली की मोस्ट अवेडेट फिल्म ‘लैला मजनू’ आज रिलीज हो गई। फिल्म में आपको वो सब कुछ देखने को मिलेगा जिसके लिए इम्तियाज फेमस हैं। प्यार के लिए हद से गुजर जाने की दास्तां है ‘लैला मजनू’। इससे पहले आपने इम्तियाज अली की फिल्मों में लव स्टोरी ही देखी होगी लेकिन इस बार आप देख पाएंगे कि कैसे ‘प्यार में पागल’ हुआ जाता है। आज हम आपको वो 5 कारण बताएंगे जिसकी वजह से आपको ये फिल्म देखने के लिए एक बार सिनेमाघरों का रुख जरूर करना चाहिए।

पुरानी कहानी नया अंदाज
फिल्म की कहानी शुरू से अंत तक आपको बांधने का दम रखती है। ‘लैला मजनू’ एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों की एक खास क्लास के लिए है, जिन्हें रियलिटी को स्क्रीन पर देखना पंसद है। लैला मजनू की कहानी आप बचपन से सुनते आ रहे हैं। दोनों के प्यार की मिसाल दी जाती है ऐसे में इस पर फिल्म बनना और देखना अपने आप में दिलचस्प होने वाला है। एक तरह से कह सकते हैं कि 90 के दशक का प्यार आपको फिल्म देखने के दौरान नजर आएगा।
फिल्म की कहानी शुरू से अंत तक आपको बांधने का दम रखती है। ‘लैला मजनू’ एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों की एक खास क्लास के लिए है, जिन्हें रियलिटी को स्क्रीन पर देखना पंसद है। लैला मजनू की कहानी आप बचपन से सुनते आ रहे हैं। दोनों के प्यार की मिसाल दी जाती है ऐसे में इस पर फिल्म बनना और देखना अपने आप में दिलचस्प होने वाला है। एक तरह से कह सकते हैं कि 90 के दशक का प्यार आपको फिल्म देखने के दौरान नजर आएगा।
फिल्म का डायरेक्शन
रॉकस्टार, जब वी मेट, हाइवे और ‘तमाशा’ जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके इम्तियाज अली के भाई सजिद अली डायरेक्ट कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए एकता कपूर ने खासतौर पर इम्तियाज अली के साथ हाथ मिलाया है। फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्में हमेशा ही लीक से हटकर होती हैं और वो अपनी इसी विशिष्टता के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में इस फिल्म को देखना तो बनता है। इम्तियाज़ अली फिल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं। लेकिन फिल्म में आपको इम्तियाज़ वाला फील बीच-बीच में आता रहेगा।
रॉकस्टार, जब वी मेट, हाइवे और ‘तमाशा’ जैसी फिल्में निर्देशित कर चुके इम्तियाज अली के भाई सजिद अली डायरेक्ट कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए एकता कपूर ने खासतौर पर इम्तियाज अली के साथ हाथ मिलाया है। फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली की फिल्में हमेशा ही लीक से हटकर होती हैं और वो अपनी इसी विशिष्टता के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में इस फिल्म को देखना तो बनता है। इम्तियाज़ अली फिल्म के क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं। लेकिन फिल्म में आपको इम्तियाज़ वाला फील बीच-बीच में आता रहेगा।
फिल्म के किरदार अपने आप में खास
‘लैला मजनू’ में अविनाश तिवारी और त्रिपती डिमरे मुख्य किरदार निभाते दिखाई दे रहे हैं। दोनों को दर्शक पहली बार बड़ी स्क्रीन पर देखने वाले हैं। दोनों कलाकार देखने में काफी अच्छे लग रहे हैं और इनकी केमिस्ट्री काफी जबरदस्त नजर आ रही है। इसके अलावा कश्मीर मूल के रहने वाले अभिनेता मीर सरवर का काम काफी दिलचस्प है लेकिन सुमित कौल ने बहुत ही जबरदस्त अभिनय किया है। इस फिल्म के आखिरी 30 मिनट बहुत ही बढ़िया हैं।
‘लैला मजनू’ में अविनाश तिवारी और त्रिपती डिमरे मुख्य किरदार निभाते दिखाई दे रहे हैं। दोनों को दर्शक पहली बार बड़ी स्क्रीन पर देखने वाले हैं। दोनों कलाकार देखने में काफी अच्छे लग रहे हैं और इनकी केमिस्ट्री काफी जबरदस्त नजर आ रही है। इसके अलावा कश्मीर मूल के रहने वाले अभिनेता मीर सरवर का काम काफी दिलचस्प है लेकिन सुमित कौल ने बहुत ही जबरदस्त अभिनय किया है। इस फिल्म के आखिरी 30 मिनट बहुत ही बढ़िया हैं।
लोकेशन्स अपने आप में खास
फिल्म की लोकेशन बहुत ही उम्दा है। साथ ही जिस तरह से फिल्म का आगाज और इसे अंजाम मिला है वह भी दिलचस्प है। अविनाश तिवारी का काम काफी बढ़िया है। मजनू के किरदार को निभाने के लिए जो परिश्रम किया है वह पर्दे पर दिखाई देता है। लैला और मजनूं की प्रेम कहानी अमर है। दोनों जीते जी एक दूसरे के नहीं हो पाए तो जान दे दी। उनकी मजार राजस्थान में है, जहां दूर दराज से लोग आते हैं। इसी को आधार बनाकर नए अंदाज में इम्तियाज अली ने इस प्रेम कहानी को पेश किया है। फिल्म में वो प्यार देखने को मिलेगा जो पागलपन की हद से गुजर जाता है।
फिल्म की लोकेशन बहुत ही उम्दा है। साथ ही जिस तरह से फिल्म का आगाज और इसे अंजाम मिला है वह भी दिलचस्प है। अविनाश तिवारी का काम काफी बढ़िया है। मजनू के किरदार को निभाने के लिए जो परिश्रम किया है वह पर्दे पर दिखाई देता है। लैला और मजनूं की प्रेम कहानी अमर है। दोनों जीते जी एक दूसरे के नहीं हो पाए तो जान दे दी। उनकी मजार राजस्थान में है, जहां दूर दराज से लोग आते हैं। इसी को आधार बनाकर नए अंदाज में इम्तियाज अली ने इस प्रेम कहानी को पेश किया है। फिल्म में वो प्यार देखने को मिलेगा जो पागलपन की हद से गुजर जाता है।