
वैज्ञानिकों का कहना है कि कार्बन मोनोऑक्साइड के यहां मौजूद होने से इस बात का पता चलता है कि यहां सूरज के मुकाबले 2 से 9 गुना ज्यादा ऑक्सीजन है। नासा का स्पेसक्राफ्ट जुनो इससे जुड़े डाटा को जोडऩे में लगा है।बता दें कि जुनो नासा का लेटेस्ट स्पेसक्राफ्ट है जो ग्रहों पर पानी ढूंढने का काम करता है जो कि गेस के फॉर्म में होते हैं।
धरती पर पिघलने वाली बर्फ के लिए लांच होगा स्पेस लेजर
नासा जल्द ही पृथ्वी पर पिघलने वाली बर्फ को मापने का पता लगाने के लिए एक लेजर लेजर उपकरण लांच करने वाला है। यह पृथ्वी की ध्रुवीय बर्फ की ऊंचाई में हो रहे परिवर्तन को मापने के में अधिक सहायक होगा।
आईस, क्लाउड एंड एलिवेशन सैटेलाइट-2 (आईसीईएसएटी -2) ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका को लेंस बर्फ की औसत वार्षिक ऊंचाई परिवर्तन को मापेगा। इसका आकार एक पेंसिल की चौड़ाई की तरह होगा। यह प्रति सेकंड 60,000 माप कैप्चर करेगा।