
यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अब्दुल रज्जाक व कई अन्य की तरफ से शौचालय निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया।
याचिका दायर कर नगर पालिका परिषद कोंच, जालौन की ओर से कब्रिस्तान में शौचालय बनाने का यह कहते हुए विरोध किया गया था कि इससे वहां कि कब्रों को नुकसान होगा तथा जनभावना के खिलाफ है।
कोर्ट ने इस जनहित याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह तो हरेक कब्रिस्तानों में होना चाहिए और यह सुविधा जनहित में है न कि जनहित विरोधी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि शौचालयों का निर्माण करते समय यह जरूर देखा जाए कि इससे वहां गए लोगों को कोई असुविधा न हो तथा कब्रों को कोई नुकसान न होने पाए। यह कहते हुए अदालत ने इस जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।