निपाह वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई की सहज आदतें सबसे महत्वपूर्ण हैं। इनमें बार-बार हाथ धोना व भोजन अच्छी तरह पकाने के बाद ग्रहण करने से आप मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस के संपर्क में आने से बच सकते हैं। इस बीमारी की चपेट में आकर केरल में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, जबकि एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के भी सबूत मिले हैं। सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में व दोबारा 2007 में पाया गया। अब यह वायरस केरल के 4 जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर व वायनाड में पाया गया है। अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोच्चि की क्लीनिकल प्रोफेसर विद्या मेनन ने बताया, ‘पिछली सभी महामारियां अलग-अलग समूह में हुई हैं व ऐतिहासिक साक्ष्य से पता चलता है कि ये एक साथ नहीं आई हैं। ‘ उन्होंने कहा, ‘इसलिए, लोग जो मरीजों के करीबी संपर्क में आते हैं, वे आमतौर पर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। अगर यह संपर्क समूह बढ़ता है या अन्य जगहों पर जाता है, तो बीमारी फैलने की संभावना बढ़ जाती है। ‘
सांस लेने में होती है दिक्कत
निपाह वायरस संक्रमित सुअरों, चमगादड़ों के लार, मूत्र या मल द्वारा संचारित होता है। यह एक मानव से दूसरे मानव में श्वास के जरिए फैल सकता है। निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है। दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ कंसल्टैंट (आंतरिक चिकित्सा) सुरनजीत चटर्जी ने बताया, ‘घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर आपमें इस बीमारी के लक्षण हैं या आपने हाल ही में उस राज्य की यात्रा की है तो फौरन डॉक्टर से मिलें। ‘ चटर्जी ने बोला कि इस बीमारी से ग्रसित होने के आधार पर आदमी कोमा में भी जा सकता है। उन्होंने बोला कि 90 प्रतिशत मामलों में यह बीमारी दो हफ्ते के बाद सामने आती है।
बीमार व्यक्ति को अलग रखना चाहिए
फोर्टिस हॉस्पिटल (शालीमार बाग, नयी दिल्ली) के पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख विकास मौर्य ने बोला कि जब तक बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता वायरस से लड़ना प्रारम्भ नहीं कर देती, तब तक इससे संक्रमति लोगों को कम से कम 10-15 दिन अलग कमरे में रखा जाना चाहिए। केरल गवर्नमेंटने इस बीमारी से बचाव के तरीका के लिए एक एंटी वायरल रिबावरिन का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया है।मेनन ने बोला कि गुरुवार से केरल गवर्नमेंट ने रिबावरिन प्रयोग करने की सिफारिश की है, लेकिन सिर्फ साबित हुए मामलों में ही। विशेषज्ञों ने स्वच्छता अपनाने के अतिरिक्त पंजों के निशान वाले फलों के सेवन से बचने, भोजन को अच्छी तरह से पका कर खाने की सलाह दी है। मेनन ने बोला कि अगर आप प्रभावित एरिया की यात्रा कर रहे हैं तो मास्क का प्रयोग करें। खांसने के दौरान रूमाल से मुंह ढक लें। अच्छी तरह से हाथ धोएं।