द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को संदीप की कार से एक पिस्टल व पांच कारतूस मिले हैं। परिजनों का आरोप है कि प्रॉपर्टी विवाद में गैंगस्टर मोनू ने दोनों की हत्या कराई है।
पुलिस के मुताबिक, संदीप नजफगढ़ के गोपाल नगर में मां, पत्नी व दो बेटों के साथ रहता था। पवन परिवार के साथ रोशन विहार, नजफगढ़ में रहता था। एक समय कुख्यात गैंगस्टर मोनू व संदीप साथ काम करते थे। दोनों में खासी दोस्ती भी थी। प्रॉपर्टी को लेकर दोनों के बीच विवाद था।
बुधवार सुबह संदीप पवन के साथ कार में कोर्ट के लिए निकला। बामडोली गांव के सामने सेंट्रो कार से पीछा कर रहे बदमाशों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। संदीप ने कार भगाने का प्रयास किया, लेकिन वह बिजली के खंभे से टकरा गई। इसी दौरान, तीन-चार बदमाश सेंटो कार से उतरे। उन्होंने खिड़की की ओर से बेहद नजदीक से संदीप व पवन के सिर व कंधे में गोलियां मारी।
संदीप पर 14 तो पवन के खिलाफ थे दो मामले
दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद बदमाश भाग निकले। सूचना पर द्वारका जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव पोस्टमार्टम के लिए डीडीयू अस्पताल भेजे गए। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है। चश्मदीदों के बयान के बाद कुछ लोगों की तलाश की जा रही है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदीप घोषित बदमाश था। उसके खिलाफ 14 मामले थे। इनमेें तीन हत्या व कुछ हत्या के प्रयास के थे। पवन के खिलाफ भी दो मामले दर्ज थे। कभी मोनू गैंग के करीबी रहे संदीप की लंबे समय से शक्ति गैंग व नीरज बवानिया और मंजीत महल से रंजिश थी।
कई बार गिरफ्तार होने के बाद फिलहाल वह जमानत पर था। संदीप को सनकीपन्न की वजह से मेंटल (पागल) गैंगस्टर नाम से जाना जाता था। वारदात के दौरान वह कुछ भी कर देता था। इसी कारण उसका नाम मेंटल पड़ गया था।
परिजन बोले, अपराध छोड़ चुका था
संदीप की हत्या के बाद से उसके परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल है। संदीप की मां दर्शना देवी ने दावा किया है कि उसने अपराध की दुनिया छोड़ दी थी। संदीप अपने बेटे अभिमन्यु का दाखिला ऑस्ट्रेलिया में कराना चाहता था।
वह अपने गांव जसडख़ेड़ी-बहादुरगढ़ में 25 एकड़ जमीन में गोशाला बनाने जा रहा था। दर्शना देवी ने बताया कि उनका बेटा ज्यादातर समय अपने घर में या दोस्तों के साथ ही बिताता था।