यरुशलम: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के प्रमुख को ‘‘100 प्रतिशत यकीन’’ है कि ईरान परमाणु बम विकसित करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से ईरान के साथ किये गए परमाणु समझौते को रद्द करने का अनुरोध किया है। मोसाद प्रमुख योसी कोहेन के बयान ने ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर चल रही वैश्विक चर्चा में एक प्रभावी आवाज बुलंद की है। बताते चलें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के साथ समझौते को व सख्त बनाने के लिए तय की गयी समय सीमा भी पास आ रही है।
नेतन्याहू की तरह ट्रंप भी परमाणु समझौते के कटु आलोचक
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की तरह ट्रंप भी 2015 में हुए परमाणु समझौते के कटु आलोचक हैं। ट्रंप ने ईरान के विरूद्ध प्रतिबंधों को व सख्त बनाने के लिए यूरोपीय राष्ट्रों के साथ समझौते पर पहुंचने के लिए मई तक की समय सीमा तय की है। इन घटनाक्रमों के बीच कोहेन इस विषय में चर्चा कर रहे हैं व हाल ही में उन्होंने बंद कमरे में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में अपना आकलन बताया है। मीटिंग में मौजूद रहे एक आदमी ने उक्त जानकारी दी।
ईरान के साथ परमाणु समझौता ‘बड़ी गलती’
कोहेन के इस विश्लेषण ने ईरान पर ट्रंप के लिए इजरायल के समर्थन को स्पष्ट कर दिया है। कोहेन ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को ‘‘बड़ी गलती’’ बतायी है। उनका कहना है कि इस समझौते के कारण ईरान अपने परमाणु प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण व जरूरी चीजें अपने पास रखने में सफलरहा है व कुछ सालों में प्रतिबंध हटने के बाद उसे फिर से प्रारम्भ कर सकता है।
ईरान व अमेरिका 2015 ईरानी परमाणु समझौता या संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) पर ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में बातचीत कर सकते हैं। खबर लेटर तेहरान टाइम्स के मुताबिक, ईरानी वार्ताकारों के एक करीबी सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बोला कि ईरानी राजनयिकों की एक टीम ईरान के परमाणु समझौते के कार्यान्वयन के विषय में नियमित बातचीतके लिए वियना दौरे पर हैं। यह टीम अमेरिकी अधिकारियों सहित बातचीत में भाग ले रहे अन्य पक्षों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेगी।
दोनों पक्ष ईरान पर लगे प्रतिबंध हटाने व अमेरिका द्वारा समझौते के उल्लंघन के विषय में दिए उदाहरण पर बातचीत करेंगे। ईरान व अन्य राष्ट्रों ने, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, चाइनाव रूस शामिल हैं, के प्रतिनिधियों ने हालिया जेसीपीओए दौर का बातचीत वियना में शुक्रवार (16 मार्च) को आयोजित किया था। जेसीपीओए के भीतर ईरान को अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटवाने के लिए अपने परमाणु प्रोग्राम को जरूर सीमित करना होगा।
2015 में हुआ था परमाणु समझौता
ईरान, जर्मनी व संयुक्त देश सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों – ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस वअमेरिका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद व खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अक्टूबर 2017 में इस समझौते को रद्द करने का आह्वान करते हुए ईरान पर समझौते का कई बार उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, जिसे ईरान ने सिरे से खारिज कर दिया था।